ग़ज़ल
तत्पर तो जत्था , सैनिक का सारा है ….. जब भी दुश्मन ने हमको ललकारा है ….. रक्षक बन जाता
Read Moreबहुत दिनों से जूझ रही थी वो जालिम आखिर सफल हो ही गई अपने मकसद में और ले गयी वो
Read Moreजीत सके तो जीत मुझे तू मृत्यु तेरा अभिनन्दन है। संघर्षों का नाम है जीवन ब्यर्थ तेरा आक्रदंन है। चलते
Read Moreआन मान मर्यादा का वो, काव्य यहां पर छोड़ गये अबतक यहां जो अटल रहे, वो सबसे नाता तोड गये
Read Moreआज़ादी का जश्न, आज़ादी, कितना प्यारा शब्द है कौन नही चाहता अपनी आज़ादी बच्चे, बुड्ढे, औरत या आदमी आज़ादी की
Read Moreक़त्ल कीजिए और हँसिए ज़रा इस हसीन शहर में बसिए ज़रा बाँहों में कैद दरिया तो घुट गया अब दो
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