अंजान सफ़र
मैं अंजान हूँ इस सफ़र में मुझे कुछ नहीं है आता तू ही बता मेरे साथी कैसे बढूँ इस डगर
Read Moreमैं अंजान हूँ इस सफ़र में मुझे कुछ नहीं है आता तू ही बता मेरे साथी कैसे बढूँ इस डगर
Read More“मन अजोर हो गइल” तोहरी देखली सुरतिया मन अजोर हो गइल रात देखली सपन सजन चितचोर हो गइल चित के
Read Moreतुम अपने दु:ख से जूझो मैं अपने दु:ख से जूझूँ हताश नहीं हैं हम एक दिन तो खुशियां पाएंगे
Read Moreफिर क्यों ना दामन मेरा खुशियों से भर-भर जाए तेरी करूणा के बादल बरसे मैंने जब-जब हाथ फैलाए सुख के
Read Moreगीत कोई अच्छा सुनने को मिले, तो झूम लेती हूं अच्छी-सी कोई धुन कानों में पड़ जाए, तो ठुमका लगा
Read Moreएक अजनबी और, कभी अपना सा, दिल की देहरी पर जो, दस्तक देता है बार बार। अजीब सी कश्मकश है,
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