ओ मोहब्बत की बूंदो मेरे आंगन भी गिरना….
बरसा दो थोडा प्यार भी बूंदो केसाथ सूख सी गयी मानवता को बहार दे दो। अब की बार, ओ सावन
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Read Moreबहुत हैं ऐसे जो ,एक रोटी के लिए तरसते हैं थाली भर लेते हैं कुछ,आधा खाकर छोड़ देते हैं जिम्मेदार
Read More1 बादल बदला के लिए नहीं तरसते एक समान सरी व मरु में हैं बरसते मित्रता यूँ होना चाहिए हम
Read Moreसुरों से है मेरा नाता, कोई मुझमें है गा जाता; कभी मैं जान ना पाता, कोई पर उसे सुन जाता
Read Moreअपना होकर भी जब उसने साथ निभाना छोड़ दिया. मेरे गीतों-ग़ज़लों ने भी उसको गाना छोड़ दिया. साक़ी ने मै
Read Moreअजनबी रास्तों का सफर जिन्दगी मे तुम्हे जान लूं , तुम मुझे जान लो। बात करने दो दिल को घडी
Read Moreउलझना कहाँ वे चहते, अधिक संसार के रिश्ते; बीज जब दग्ध हो जाते, उगा अंकुर कहाँ पाते ! देख
Read Moreअगस्त है अगस्त है, महीना बड़ा मस्त है, सावन की पहली तिथि से- जिसका हुआ है आगाज़ , मध्य में
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