जल
कहीं दो बूंद को तरसता कोई,कहीं यूंही व्यर्थ बहता जल | प्रलुब्ध हो गए हैं कुछ तो ,कुछ आबद्ध हैं
Read Moreचलते चलते अनन्त यात्रा के राह में एक अजनबी से मुलाक़ात हो गई कुछ दूर साथ-साथ चले कि हम दोनों
Read Moreहमसे रखो न खार, किताबें कहती हैं। हम भी चाहें प्यार, किताबें कहती हैं। घर के अंदर घर हो
Read Moreजन -जन के मन में आज भी एक ही , सवाल है कहाँ तक आजाद है देश ? नारी की
Read Moreमुझे धरा पर आने दो माँ अच्छी बिटिया बन दिखाऊँगी, देश का भविष्य है मुझसे तेरा नाम ऊँचा उठाऊँगी। उम्र
Read Moreचौपाई = प्रत्येक चरण मे १६-१६ मात्राएँ चौपाई=चन्द्र बदन ==================== चन्द्र बदन मम लागत कैसे, जिमि माणिक फन विषधर जैसे/१
Read Moreआवारा बादल हूँ मैं मुझे एहसासों से तरबतर करता पानी हो तुम अपने आगोश में ले तुम्हें मस्त हवाओं से
Read Moreआओ हम सब *********** आओ हम सब मिलजुल कर ऐसे घर का निर्माण करें माँ भारती विराजे ऊपर झुक दुनिया
Read Moreक्या अजब है कि सब पीर पिये जाता है, हाले – पामाल को तक़दीर किये जाता है। तू भी रहता
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