कार्यालयीन मृत्यु
बूंदों ने डाक से प्रेषित किया है बादलों ने जो मसौदा दिया था बनाकर आकाश में मेरी मौत का आदेश
Read Moreबूंदों ने डाक से प्रेषित किया है बादलों ने जो मसौदा दिया था बनाकर आकाश में मेरी मौत का आदेश
Read Moreअँधेरी राहें हुई उजली जब प्रेम संग – संग चला। जब मिले थे मैं – तुम पहली बार लाए थे
Read Moreअभी कुछ दिन पहले वसंत ऋतु की दस्तक आई, प्रेम का परम्परागत मदनोत्सव साथ लाई । जाते-जाते चुपके-से कान में
Read Moreना प्रेम का दिन कोई खास प्रिये,ये हर दिन खास बनाता है। होता है ये संसार वही बस ऐहसास नया
Read Moreचीखो मत चिल्लाओ मत ऐसे शोर मचाओ मत इनका मकसद धोखेबाज़ी बातो मे सब आओ मत जिस थाली मे खाता
Read Moreवक़्त कब बदलेगा- क्यों इसे किसी का हँसता चेहरा नहीं भाता है,, चार पल की खुशी इससे देखी नहीं जाती
Read Moreबहुत बार संवारा इसे मगर मेरी अंख़ियों से काजल बह-बह जाए चले आओ वहीं से लौट कर कि मेरा काजल
Read Moreतुमने ही तो मुझे बुलाया यहॉ मैं दौडी चली आई तुम्हारे पद चिन्हो के सहारे जो इसी रास्ते कभी तुम
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