बालगीत – “अपना बचपन अपनी दुनिया”
किसी की टॉफी कोई छीने किसी की चोटी कोई खींचे , हँसता मुन्ना , रोती मुनिया अपना बचपन अपनी दुनिया
Read Moreकिसी की टॉफी कोई छीने किसी की चोटी कोई खींचे , हँसता मुन्ना , रोती मुनिया अपना बचपन अपनी दुनिया
Read More(आज की दुनिया में हर कोई बिज़ी है,ऐसे में दादी की गोद में ही सुकून मिलता है ये कविता संयुक्त
Read Moreबच्चों की फुलवारी सजी है हंसी सबके चेहरे पर खिली है हाथी राजा बीच में है विराजे खूब बज रहे
Read Moreआओ बच्चो आओ मेरे संग तुम मौज मनाओ मैं दूंगा तुम सबको ज्ञान एक बार जरा बटन दबाओ तुम देखो
Read Moreनटखट बच्चे प्यारे बच्चे कितने सच्चे कितने अच्छे बातों से अपनी सबको रिझाते मस्ती में खेलते मजे से खाते सबके
Read Moreहम फूल हैं इस उपवन के हम निर्मल कोमल मन के हम सबको लगते प्यारे धरती के चाँद सितारे
Read Moreघोर अँधेरी निशा घनेरी इस जग के पहरेदार बनो | तोड़ रहा दम आज उजाला तुम नई किरण का
Read Moreसब मुझको मीठी कहते हैं माँ कहती है कम बतियाओ | मेरी फ्रॉक बड़ी ही सुन्दर माँ कहती है
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