बाल कविता

चूहा आया

चूहा आया ,चूहा आया
अपने मुँह में रोटी लाया
लम्बी मोटी काली दुम
खाना खाता है चुन चुन

रहता है छोटे से बिल में
मम्मी रहती हैं मुश्किल में
खाना खुला जो रह जाता है
ले जाता है अपने बिल में

आओ मम्मी की हेल्प करें
उसके बिल को बंद करें
खाना रखेंगे ढक कर
कैसे आएगा फिर घर पर

–नमिता राकेश

2 thoughts on “चूहा आया

  • बच्चों के लिए दिलचस्प कविता .

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी बाल कविता !

Comments are closed.