“सबको अच्छे लगते बच्चे”
चंचल-चंचल, मन के सच्चे।सबको अच्छे लगते बच्चे।।—कितने प्यारे रंग रंगीले।उपवन के हैं सुमन सजीले।।—भोलेपन से भरमाते हैं।ये खुलकर हँसते-गाते हैं।।—भेद-भाव
Read Moreचंचल-चंचल, मन के सच्चे।सबको अच्छे लगते बच्चे।।—कितने प्यारे रंग रंगीले।उपवन के हैं सुमन सजीले।।—भोलेपन से भरमाते हैं।ये खुलकर हँसते-गाते हैं।।—भेद-भाव
Read Moreमैं तो छोटा सा बच्चा हूँ जी। दिल का एकदम सच्चा हूँ जी।। लगता हूँ सबको अच्छा जी। करते है
Read Moreनन्हा मुन्ना बच्चा हूँ मैं, दिल का एकदम सच्चा हूँ मैं। सुबह सबेरे जगता हूँ मैं, रोज योगा करता हूँ
Read Moreमेरी शाम सुहानी हो जाये नानी एक कहानी हो जाये कोई अच्छी सी कोई सच्ची सी जो गुज़री हो कोई
Read Moreसूरज गोल चंदा गोल। धरती , अंबर , तारे गोल।। गाड़ी के पहिए हैं गोल। गेंद हमारी सबसे गोल।। मुरगी
Read Moreगुड़िया की शादी बात सुनो न दादी प्यारी।।
Read Moreएक दिवस भोलू बन्दर ने पर्स राह में पाया. नोट देखकर काफी उसमें ऐसा प्लान बनाया- पाँच सितारा होटल में
Read Moreमौसम कितना हुआ सुहाना। रंग-बिरंगे सुमन सुहाते। सरसों ने पहना पीताम्बर, गेहूँ के बिरुए लहराते।। — दिवस बढ़े हैं शीत
Read Moreमैं हूँ तितली रानी-मैं हूँ तितली रानी. बहुत ध्यान से बच्चे सुनते, मेरी मधुर कहानी. बगिया-बगिया जाती हूँ. फूलों पर
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