बाल कविता “बच्चों का मन होता सच्चा”
सीधा-सादा. भोला-भाला। बच्चों का संसार निराला।। बचपन सबसे होता अच्छा। बच्चों का मन होता सच्चा। पल में रूठें, पल में
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Read Moreसिसक-सिसक कर स्लेट जी रही, तख्ती ने दम तोड़ दिया है। सुन्दर लेख-सुलेख नहीं है, कलम टाट का छोड़ दिया
Read Moreमुझको कहते बाल सलोना, मैं अपनी ममी का खिलौना, मुझको भातीं चीजें कितनी, सबसे प्यारा मेरा खिलौना. सबसे पहले मुझको
Read Moreचंदा मामा रूप तुम्हारा मुझे लुभाया करता है | घटना- बढना निश दिन तेरा मुझ में अचरज भरता है |
Read Moreहमें बताओ कैसे भागे,आप रात की जेल से। सूरज चाचा ये तो बोलो,आये हो किस रेल से। हमें पता है
Read Moreसुनो सुनो मधुमक्खी रानी कहो कहाँ से आती हो। कितनी छोटी सी हो तुम और इतना शहद बनाती हो। कहाँ
Read Moreइक खरगोश था चिट्टा राम यार उसका, कौआ कालीराम ॥ खाना पीना और सो जाना सिवा इसके कोई और न
Read Moreमई महीना आता है और, जब गर्मी बढ़ जाती है। नानी जी के घर की मुझको, बेहद याद सताती है।।
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