सबसे प्यारी मां
(बाल काव्य सुमन संग्रह से) माता मेरी सबसे प्यारी, सारे जग से है वह न्यारी, दुनिया में प्यारी मां जैसा,
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Read Moreयह कविता 2004 में लिखा था- आज जब इसे पढ़ता हूँ तो बहुत कमियां दिखाती है, लगता है जो कहना
Read Moreचंचल नटखट भोलू बकरा, निर्भय फिरता-कूदता था, उछल-कूद करता था दिन भर, नहीं किसी से डरता था. एक बार पिकनिक
Read Moreबन्द हुए स्कूल गली में बच्चे खेले खेल। आगे पीछे दौड़ रहे है छुक छुक करती रेल। भरी दुपहरी तपती
Read Moreगेहूं से रोटी तक दो पाटों के बीच से निकला मैं जब से गेहूं नाम छोड़ा है आटा बना तब
Read Moreतितली रानी – तितली रानी रंग बिरंगें पंखों वाली घास – फुस पर विचरण करती सब रंगों मे सुंदर लगती
Read Moreएक आदमी पेड़ के नीचे, बैठा-बैठा ऊंघ रहा था, एक शेर भी बहुत दूर से, मानव की गंध सूंघ रहा
Read Moreकल माँ के आँचल दूध पिया, गोदी में की अठखेलियाँ। आज कदम धरे धरती माँ पर, मेरी गूँज रही किलकारियाँ।।
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