कहानी – मुझको भी आज़ादी चाहिए
“देखो -देखो….दादी! इसके कोमल-कोमल पंख,छोटी-सी चोंच।देखो ना दादी,, क्या आप नाराज़ हैं मुझसे? ” समीर ने अपनी दादी से कहा
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Read Moreसुदूर दक्षिण स्थित केरल प्रांत के रामेश्वरम मे एक छोटा सा गाँव था , जहाँ मछुवारा समुदाय के अनेक लोग
Read Moreचारों ओर से धमाकों की आवाज़ आ रही थी I ऐसा लग रहा था मानो दीपावली हो, पर यह पटाखों
Read Moreरामधन बहुत गरीब लेकिन अच्छे स्वभाव का व्यक्ति था | उसने एक साधु की खूब सेवा की | साधु ने
Read Moreईशा बड़ी ही नकचढ़ी लड़की थी | उसकी अपनी किसी भी सहेली से ज्यादा दिन तक पटरी नहीं बैठती थी
Read Moreनन्ही सी पीहू खिड़की में से देख कर ही खुश हो रही थी चिड़ियों का चहचहाना। जब से वह अपने
Read More” टन -टन !!” घंटी बजी। यह स्कूल की आधी -छुट्टी की घंटी बजी है। सभी बच्चे अपने -अपने टिफिन लिए कक्षा
Read Moreतड़ाक ! तड़ाक ! की आवाज जंगल की शांति को भंग कर रही थी, चोटी का पसीना एड़ी से होते
Read Moreटिंकू स्कूल से घर जा रहा था । रास्ते में उसे एक दुबली–पतली भिखारिन मिली, जिसका पेट भूख के कारण
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