बालकविता “कूलर गर्मी हर लेता है”
ठण्डी-ठण्डी हवा खिलाये। इसीलिए कूलर कहलाये।। जब जाड़ा कम हो जाता है। होली का मौसम आता है।। फिर चलतीं हैं
Read Moreठण्डी-ठण्डी हवा खिलाये। इसीलिए कूलर कहलाये।। जब जाड़ा कम हो जाता है। होली का मौसम आता है।। फिर चलतीं हैं
Read Moreछुक-छुक गाड़ी चलती जाती कू-कू की आवाज लगाती पटरी ऊपर दौड़ रही है गाँव बस्ती जोड़ रही है बोली मुझसे
Read Moreसमय नहीं बर्बाद करो तुम समय नहीं बर्बाद करो पहले पढ़ना बहुत जरूरी सब कुछ उसके बाद करो मोल समय
Read Moreजब गर्मी का मौसम आता, सूरज तन-मन को झुलसाता। तन से टप-टप बहे पसीना, जीना दूभर होता जाता। ऐसे मौसम
Read Moreबन्द हुए स्कूल गली में बच्चे खेले खेल। आगे पीछे दौड़ रहे है छुक छुक करती रेल। भरी दुपहरी तपती
Read Moreसृष्टि के सृजन के साथ-साथ सूर्य-चन्द्र तारे बनें चमके पेड़-पौधों का उद्भव हुआ मानव ने जन्म लेकर चलना फिरना घूमना
Read Moreप्रिय बच्चो, उपहार मुबारक हो, कविता लिखना सीखने के इस क्रम में हम आपको केवल कविता द्वारा अनेक विषयों की
Read Moreमां बस एक मिठास है प्यारा-सा अहसास है, मां-सा करीब न कोई होता, आनंद का आभास है. मैं शिप, शिप
Read Moreसुनो भैया आइसक्रीम वाले रोज क्यो नही बेचने आते इस भीषण गर्मी को मैं कैसे सहता हूं मै ही जानूं
Read Moreमाँ को नमन करते हुए! — उँगली पकड़ हमारी माता, चलना हमें सिखाती है!! दुनिया में अस्तित्व हमारा, माँ के
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