संस्मरण : लिखना तो बहाना है
कई बार मैंने अपने पिताजी से आग्रह किया कि पिताजी दादाजी के बारे में कुछ बताएं? सुना है दादाजी धनी-मनी,
Read Moreकई बार मैंने अपने पिताजी से आग्रह किया कि पिताजी दादाजी के बारे में कुछ बताएं? सुना है दादाजी धनी-मनी,
Read Moreअभी कुछ साल पहले मेरी नन्द की बेटी की शादी फिरोजपुर जाकर करनी पड़ी |नन्द-नन्दोई इंतजाम के लिये पहले चले
Read Moreबचपन मे जब पहली बार गिनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में पढ़ा तो मन हुआ कि काश! मेरा भी नाम
Read Moreहिंदी फीचर फिल्म – शूद्र अ लव स्टोरी में मेरी छोटी सी भूमिका पूर्ण हो चुकी थी | दोपहर को
Read Moreआज स्वप्न में पिता का दर्शन पा कर दिवस मानो खिल सा गया | पूरा दिन उनकी मधुर समृतियों में
Read Moreपति को ब्रेनहेमरेज के साथ पैरालाइज होने के पन्द्रह-सोलह दिन बाद उनके दिमाग की सर्जरी हुई थी। इस ऑपेरशन के
Read Moreकाश मैं फिर से छोटी बच्ची बन जाती और तुम्हारी गोद में खेल पाती । झूल जाती तुम्हारे कंधों पर
Read Moreसदमा तभी लगा जब आज के समाचार पत्र के मुख्य पृष्ठ पर खबर देखी – गिफ्ट पैक में आया बम
Read Moreबहुत पुरानी बात है करीब सन् 1972-1973 की मैं एक साल विद्यालय नहीं जा पाई थी… गाँव में रहना पड़ा
Read Moreहमारे लिए गर्मी की छुट्टियों में हिल स्टेशन तथा सर्दियों में समुद्री इलाका हमारा ननिहाल या ददिहाल ही हुआ करता
Read More