ईश्वर भरोसे है सब कुछ
बात कुछ पुरानी है। इस से कोई विशेष अतर नहीं पड़ता।केवल कलाकार ही बदलते हैं, परिस्थितियां वही रहती हैं ।
Read Moreबात कुछ पुरानी है। इस से कोई विशेष अतर नहीं पड़ता।केवल कलाकार ही बदलते हैं, परिस्थितियां वही रहती हैं ।
Read Moreज्यों ही गाड़ी से उतरी, पाँव ज़मीन पर धरते ही देखा, गाड़ी के एकदम आगे स्याह श्यामल रंग का एक
Read Moreउन दिनों मेरी नियुक्ति तंज़ानिया में काफी रिसर्च इन्स्टीट्यूट ल्यामुंगो में थी। ल्यामुंगो से अरूशा 35 मील दूर था। हमारी
Read Moreवैश्विक स्तर की कोरोना महामारी से जूझ रहे समूचे विश्व के लोगों के समक्ष अपनी और अपनों की जान बचाना
Read More“शिक्षक, विद्यार्थी, व्यवसायी, मजदूर हो या किसान, दादा-दादी, चाचा-चाची, भैया-भाभी या नौजवान। सालों से शिक्षा फैला रहे , आपके घर
Read Moreपाठकों से नम्र निवेदन है कि वे इंटरनेट संस्करण व स्मार्टफोन की आभासी दुनिया से बाहर निकल मुद्रित पुस्तकों व
Read Moreआज से ठीक छह महीने पहले ,नए साल के शुभारंभ में जब नवरात्रों का आगमन हुआ वैशाख पर्व पर।सोचा नहीं
Read Moreबात सालों पुरानी है ,अपने मित्रों के पास मोबाइल देखती तो तो इच्छा करती की काश मेरे पास भी एक
Read Moreकटिहार शहीद चौक के पास एक होटल के बाहरी हिस्से के भूतल पर नितांत छोटा-सा किताब दुकान, किन्तु वहाँ जो
Read Moreबात सन १९८६ की है। जनवरी का महीना था। अब तो बहुत वर्षों से इंग्लैंड में बर्फबारी हुई ही नहीं
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