आयी होली
प्रेम रंग भर पिचकारी में, कृष्ण मचाये धूम। गोप गोपियाँ साथी सारे, नाच रहे वे झूम।। खोये सुध बुध राधा
Read Moreकल्याणी मन भावना, आस्था से कर भक्ति। ईश्वर प्रेम प्रभाव में, भव तारण की शक्ति।। भव तारण की शक्ति, पाप
Read Moreयाचक बनना मत कभी, मंदिर प्रभुजी धाम। परमात्मा ईश्वर लिखे, भाग्य उचित अभिराम।। भाग्य उचित अभिराम, सत्य, संयम की धारा।
Read Moreखुशियां जीवन में खिली, सुरभित था आनंद। चाहा वो पाया सदा, मिला हर्ष मकरंद।। मिला हर्ष मकरंद, भ्रमर थे गुनगुन
Read More1) कृपा मिले प्रभु नाम, नहीं होगा कुछ बांका। स्वयं प्रकट प्रभु आप, प्रेम से बांधे टांका।। दर्शन की हिय
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