माँ की दुआओं में …
बड़ी बरक़त देखी मैंने माँ की दुआओं में मुड़-मुड़ कर पलटती रहीं जब भी मुश्किलें माँ अपनी हथेली मेरे सर
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Read Moreमेरा मुंडन पर ‘टिक’ नहीं है ! दोस्तों ने कहा- ‘मैं मियाँ हूँ !’ मैंने कहा- मियाँ क्या ‘आदमी’ नहीं
Read Moreहँसना मरद और पदना घोड़ा स्वयं में एक मज़ाक है, विश्व खिलखिलाता दिवस से हँसना आरम्भ किया, फिर अभी थोड़ी
Read Moreअफसोस… जन्मभूमि जर्मनी में ‘कार्ल मार्क्स’ की कोई कद्र नहीं है ! ×××× 2/3 दुनिया को अपने विचारों से प्रभावित
Read More‘मधुशाला’ खोलकर सरकार ‘राजस्व’ की उगाही भले कर ले, पर वे शराबियों को लॉकडाउन तोड़ने और कोरोना पॉजिटिव करने का
Read Moreपिताजी ! आपकी रबड़ की चप्पलें, जमीन की धूल का, सादगी से एक रिश्ता है, जो इन चप्पलों को छूकर
Read Moreपुरुष हो या महिलाएँ मेरे फ़ेसबुक पोस्ट को चोरी छुपे चटकारे लेकर पढ़ेंगे और यह कहेंगे- मैंने तो पढ़ा ही
Read Moreअगर किसी को फ़ेसबुक पर मेरे विचार पसंद नहीं हैं, तो वे मुझे ब्लॉक कर मुझसे अलग हो सकते हैं
Read Moreप्रश्न है, जब चारपाई और चौकी लेकर भी जीवनयापन कर सकते हैं, तो कई हजार या लाखों के और विलासिता
Read Moreलोगों में मन में जो भ्रांतियाँ हैं और जिनसे हैं; उन भ्रांतियों को उसके समक्ष रखकर ‘पूर्वाग्रह’ पालने से बचने
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