पिताजी की चप्पलें और अन्य क्षणिकाएँ
पिताजी ! आपकी रबड़ की चप्पलें, जमीन की धूल का, सादगी से एक रिश्ता है, जो इन चप्पलों को छूकर
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Read Moreपुरुष हो या महिलाएँ मेरे फ़ेसबुक पोस्ट को चोरी छुपे चटकारे लेकर पढ़ेंगे और यह कहेंगे- मैंने तो पढ़ा ही
Read Moreअगर किसी को फ़ेसबुक पर मेरे विचार पसंद नहीं हैं, तो वे मुझे ब्लॉक कर मुझसे अलग हो सकते हैं
Read Moreप्रश्न है, जब चारपाई और चौकी लेकर भी जीवनयापन कर सकते हैं, तो कई हजार या लाखों के और विलासिता
Read Moreलोगों में मन में जो भ्रांतियाँ हैं और जिनसे हैं; उन भ्रांतियों को उसके समक्ष रखकर ‘पूर्वाग्रह’ पालने से बचने
Read Moreशादीशुदी महिलाएँ अविवाहित पुरुषों को देखना पसंद नहीं करती ? कुँवारे पुरुष भी विवाहित महिलाओं के पति से मेलजोल नहीं
Read Moreयह बात अबतक समझ में नहीं आई है कि डायरेक्टर रामानंद सागर को ‘नारद’ ही क्यों बनने पड़े? नारद को
Read Moreबड़े मशहूर हास्य अभिनेता जॉनी लीवर से रेडियो पत्रकार कमल शर्मा के द्वारा लिए गए इंटरव्यू ‘विविध भारती’ में सुन
Read Moreप्यार और प्याज में एक समानता जरूर है, दोनों दिखने में है तो सुहाने, पर छिलने पर रुलाते हैं और
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