क्षणिका

होते हैं सिर्फ़ तीन ही रंग !

मैं जिनकी शादी में गया हूँ,
उनकी शादी टूट गयी है !
कृपया शादी कार्ड
मुझे न भेजें,
वैसे भी ‘डिस्टेंसिंग’ की
आदत पड़ गयी है !
तभी तो-
मैं जिनकी शादी में जाता हूँ,
उनकी शादी टूट जाती है।
इस हँसीवार्त्ता को
एक शिक्षिका ने
सीरियस मान
मुझे निमंत्रित ही नहीं की !
××××
अगर शादी के बाद भी
दोनों पक्ष संबंध नहीं बनाए
अथवा दोनों ही
सेक्सुअल अरुचि दिखाये,
तो इसके
क्या परिणाम हो सकते हैं ?
××××
शारीरिक बदलाव के कारण
कोई गंभीर परिणाम नहीं हो,
इसलिए विद्यालय में
नवम कक्षा से ही
‘सेक्स शिक्षा’
लागू की जानी चाहिए ?
××××
सात रंग नहीं,
अपितु होते हैं
सिर्फ़ तीन ही रंग !
प्रेम के रंग,
घृणा व ईर्ष्या के रंग,
तटस्थता
यानी निष्पक्षता के रंग !
××××
आप फ़ोन
क्यों नहीं उठाते?
मित्रों की रहती
शिकायत !
‘मुझे मेरे मित्रों से
बचाओ!’
××××
हम जिस भी
‘कॉलीग’ को
ज्यादा मानते हैं,
वो दूसरे के
करीब हो जाते हैं !
अपुन के ज़िन्दगी में
‘बेवफ़ा’ बहुत है, भाई !
××××

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.