क्षणिका

यह कैसी सामाजिकता ?

हम आत्मनिर्भर की
बात करते हैं,
तो पहले उन धर्मस्थलों से
दानपेटियों को हटाइये,
अन्यथा उस दानराशि से
भीख माँग रहे
भीखमंगे को
निर्भर बनाइये !
××××
हम मूरत के
‘राम’ जी की
पूजा करते हैं,
पर जो राम की
मूरत बनाते हैं,
उस कुम्हार
बंधुओं को
आर्थिक संबल
कबतक प्रदान करेंगे ?
….और हमारे पैरों को
सुरक्षा प्रदान करनेवाले
जूते निर्माता ‘चर्मकार’,
जिनके उपनाम ‘राम’ भी है,
उन्हें इज्जत देना हम
कब सीखेंगे ?
××××
सार्वजनिक वस्तुओं को
जो व्यक्ति
बाप का जागीर समझते हैं
और इसे चोरी-छिपे
हड़पने के मूड में रहते हैं,
उनसे अच्छा तो भीखमंगा है !
××××
जिस बहू को
ससुर की खाँसी से
नफरत है,
जो सास की निगरानी से
भागी फिरती है,
जो संयुक्त परिवार में
रहना नहीं चाहती
और जो पति को मउगा
उर्फ जोरू का गुलाम
बनाये रखती है,
ऐसी ही सावित्री को
प्रणाम कैसे करूँ ?

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.