हमारी माटी (गाँव पर 20 हाइकु)
1. किरणें आई खेतों को यूँ जगाए जैसे हो माई। 2. सूरज जागा पेड़ पौधे मुस्काए खिलखिलाए। 3. झुलसा खेत
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Read Moreनींद से जाग मंजिल पाने भाग छोड़ आलस्य नींद पूरी लो स्वस्थ जीवन जीने ये औषधि है ©
Read More1. होली कहती खेलो रंग गुलाल भूलो मलाल! 2. जागा फागुन एक साल के बाद, खिलखिलाता! 3. सब हैं रँगे
Read Moreहोली पर हाइकु 01ः- खेलते रंग विश्वास घात का अनोखा ढंग। 02ः- चतुराई से होलिका है जलती न प्रहृलाद। 03ः-
Read More1. हवा बसन्ती लेकर चली आई रंग बहार! 2. पीली ओढ़नी लगती है सोहणी धरा ने ओढ़ी! 3. पीली सरसों
Read More1. रज़ाई बोली – जाता क्यों न जाड़ा, अब मैं थकी! 2. फिर क्यों आया सबको यूँ कँपाने, मुआ ये
Read Moreचुनावी हाइकु 01 – इस चुनाव आदमी तो आदमी गधे भी खुश । 02 – अपने साथ अपनों को गिराया
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