चींटी रानी
कांप रही थी चींटी रानी।ठंडा मौसम ठंडा पानी।।दिखे नहीं ये सूरज दादा।भूल गए क्या कर के वादा।। कभी ज़रा अंबर
Read Moreकांप रही थी चींटी रानी।ठंडा मौसम ठंडा पानी।।दिखे नहीं ये सूरज दादा।भूल गए क्या कर के वादा।। कभी ज़रा अंबर
Read Moreबढ़ती ठंड अलाव जलाएँ।तापें आग हर्ष हम पाएँ।। दादी माँ को शीत सताए।ठिठुर – ठिठुर कम्बल में जाए।।गरमी का कुछ
Read Moreदादाजी अब अंगुली पकड़ो,चलो मार्निंग वाक पर। सुबह सबेरे पांच बजे ही, छोड़ दिया बिस्तर मैंने। ब्रश मंजन कर जूते
Read Moreधनिया हरी टमाटर लालसिल पर पिस कर करे कमाल संग प्याज के गरम पकोड़ेमिर्च कर रही खूब धमाल मौसम की
Read Moreमैंने पाली इक बिल्ली रोज सुबह जाती साथ मेरे करती वह भी वॉक उछल कूद करती रस्ते भर कभी इधर
Read Moreछोटा बच्चा मैं बन जाऊं, खूब खेलूं, मौज मनाऊं।। खूब करे हम धमा-चौकडी, दादाजी की छुपाऊं छडी।। चिमटी धीरे से
Read Moreफूलों से मुस्कुराना सीखो, पंछियों से मस्त मगन जीना, तितलियों से ख्वाब बुनना, भंवरों से मधुर गुनगुनाना।। आंखों के तारों
Read Moreकाले भूरे गोरे रंग। देखो कितने सुंदर अंग।।नयन सदा ही खुलते संग। देखें दुनिया बढ़े उमंग।। नेक काज करते हैं
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