बाल कविता

बाल कविता

हुक्का,गुटका,चिलम, तँबाकू

हुक्का,गुटका,चिलम, तँबाकू।नर- जीवन के हैं सब डाकू।। हुक्के में जो धुँआ उड़ाता।नश्तर तन में स्वयं चुभाता।। सट-सट धुँआ चिलम से

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कोरोना भगाएं

कोरोना भगाएँ आहिस्ता आहिस्ताये दिन भी टल जाएगा।कोरोना चाइना उत्पाद हैज्यादा दिन नहीं टिकेगा।धीरज रखियेसब ठीक हो जाएगा।कोरोना फिलहाल भलेलाइलाज

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