बाल गीत
(छंद- आल्हा) चूँ-चूँ करती चिड़िया रानी, डाली पर करती चकचार कौन ले गया निरा घोंसला, छीन गया उसका संसार लटक
Read Moreनीचे मोटर ऊपर रेल, ये देखो मेट्रो का खेल। कभी चले धरती के अन्दर, और कभी धरती से ऊपर। कभी
Read Moreगाँधी जी के बन्दर तीन, तीनों बन्दर बड़े प्रवीन। खुश हो बोला पहला बन्दा, ना मैं गूँगा, बहरा, अन्धा।
Read Moreउस दिन देवम की कक्षा में टीचर पढ़ा रहीं थीं, कोई गम्भीर विषय चल रहा था। लेकिन पीछे दो छात्र
Read Moreनन्हें – नन्हें बालक हो उपवन सा सालोने हो! आँगन की फुलवारी हो मीठी सी मुस्कान हो! सबको मीठे बोल
Read Moreप्रिय बच्चो, जय हिंद, कविता लिखना सीखने के इस क्रम में हम आपको अनेक विषयों पर कविता लिखना सिखाते हैं.
Read More(सार ललित छ्न्द) हठ कर बैठी गुड़िया रानी, चाँद मुझे दिलवा दो। दादी बाबा नाना नानी, चाँद मुझे दिलवा दो।
Read Moreमेले चाचू की है छादी, जाऊंगा मैं तो बालाती। चाचू संग चढ़ूंगा घोड़ी, मस्ती करूंगा आज थोड़ी। ओ भाई तुम
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