नदी बहती है –बाल कविता
कल कल प्यारी नदिया बहती,चलते चलते वो कुछ कहती,झूम झूम के चलना है जीवन,पथ की बाधाएँ कभी न सहती। मेले
Read Moreकल कल प्यारी नदिया बहती,चलते चलते वो कुछ कहती,झूम झूम के चलना है जीवन,पथ की बाधाएँ कभी न सहती। मेले
Read Moreउनके किस्से बच्चे या जवान क्या, वृद्धों में भी शक्ति और ऊर्जा का नवसंचार कर दे तथा उनमें स्फूर्ति भर
Read Moreसम्पूर्ण संसार के गणितज्ञ और थोड़े-बहुत गणित के जानकार भी ‘अभाज्य संख्या’ व प्राइम नंबर्स ज्ञात करने के नाम से
Read Moreशीत बढ़ी आ गई रजाई। मौसम ने ली है अँगड़ाई।। दादी अम्मा शी-शी करतीं। ओढ़ रजाई सर्दी हरतीं।। दिन में
Read Moreचूल्हे वाली रोटी खाएँ। अपना तन-मन स्वस्थ बनाएँ। बनी गैस की रोटी खाता। रोग धाम तन-मन बन जाता। उदर -रोग
Read Moreनीली-नीली गिरिश्रृंखलाओं , हरे-भरे वृक्षों , टेढ़ी-मेढ़ी राहों से घिरे गोड़ आदिवासी बाहुल्य एक छोटा सा गाँव है चितनार। धान
Read Moreबड़ा या छोटा सभी के चेहरे पर चिन्ता की रेखाएं थी फिर गुरू जी तो कई जिम्मेदारियों को एक साथ
Read Moreघास- फूस का नीड़ बनाकर, मेरे घर में रहती चिड़िया, दिन में दाना चुगती चिड़िया, रात में घर आ जाती
Read Moreशादी-समारोहों में सुनाई नहीं पड़ती शहनाई ! उच्च ध्वनि तीव्रता वाले डी.जे. और इसके धुन पर थिरकते बाराती और सराती,
Read Moreघिस – घिस छोटा मैं होता हूँ। मैल तुम्हारा मैं धोता हूँ।। तरह – तरह के रँग हैं मेरे। महक
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