“हमारी संस्कृति हमारी विरासत”
जय श्रीकृष्ण:
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Read Moreओ३म् वेद ईश्वरीय ज्ञान है। ईश्वर प्रदत्त ज्ञान होने के कारण वेद पूर्णतः तर्क व युक्ति संगत होने के साथ
Read Moreओ३म् वेदर्षि दयानन्द (1825-1883) ने अपने अपूर्व पुरुषार्थ और वैदिक ज्ञान से वेदों का पुनरुद्धार किया था। वह सारे संसार
Read Moreओ३म् काम, क्रोध, लोभ व मोह मनुष्य के प्रबल शत्रु हैं जो मनुष्य का जीवन नष्ट कर देते हैं। मनुष्य
Read Moreजय श्रीकृष्ण: 01-01-2017 नव वर्ष आनंदमय , सुख समृद्धि दायक एवं समाधानकारक हो . जय जय श्री राधे
Read Moreओ३म् आर्यसमाज धामावाला उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून की प्रमुख आर्यसमाज है जिसकी स्थापना महर्षि दयानन्द जी के करकमलों द्वारा हुई
Read Moreओ३म् पं. चमूपति आर्यसमाज के शीर्ष विद्वान थे। आपने सामवेद के चुने हुए मन्त्रों पर ‘‘सोम सरोवर” नाम से भक्ति
Read Moreओ३म् आर्यसमाज की पहली पीढ़ी के विद्वानों में एक विद्वान प्रो. सन्तराम जी बी.ए. भी हुए हैं। आप स्वामी श्रद्धानन्द
Read Moreओ३म् हमारे माता-पिता कौन हैं? जन्म देने वाले व उसमें सहायक को माता-पिता कहते हैं। हमें अपनी माता से जन्म
Read Moreओ३म् महर्षि दयानन्द सरस्वती (1825-1883) ने अपने सत्यार्थ प्रकाश आदि ग्रन्थों में ईश्वर के स्वरूप पर व्यापक रूप से प्रकाश
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