वो शायर जो सबसे अलग हैं
जिसकी शायरी अपने बदन पर हिंदी का लिबास ओढ़ती है और जो अपने होंठों पर उर्दू की लाली लगाती है,
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Read Moreहिन्दू धर्मास्था लिए, प्रत्येक प्राणियों और वृक्ष -पादपों की पूजा -अर्चना हिन्दू धर्म में ही देखे जा सकते हैं, यह
Read Moreनारी तो ‘माँ’ का अद्भुत रूप होती है, जिन्हें परिभाषित नहीं की जा सकती ! ‘बहन’ और ‘बेटी’ तो पुरुष
Read Moreसाहित्य से सुसंचालित है समाज ! जिस जाति की सामाजिक अवस्था जैसी होती है, उसका साहित्य भी वैसा ही होता
Read Moreश्रद्धेय कवि डॉ. हरिवंशराय बच्चन की पुण्यतिथि पर सादर श्रद्धांजलि…. मधुशाला, मधुकलश, निशा-निमंत्रण (कविता-संकलन), क्या भूलूँ क्या याद करूँ (आत्मकथा)
Read Moreलेखन एक जटिल और अक्सर रहस्यमय प्रक्रिया है। हालाँकि हम इसे पृष्ठ पर अक्षरों और शब्दों को व्यवस्थित करने से
Read Moreवर्त्तमान समय में सम्पूर्ण भारत में हिंदी ‘ग़ज़ल’ विधा के महत्त्वपूर्ण व सशक्त हस्ताक्षर तथा बहराइच, उत्तर प्रदेश के रहवासी
Read Moreमातृभाषा मिश्री सी मीठी होती है। महाभारत की तरह मधुर, रामायण की तरह रसीली, गीता की तरह गुनगनाने योग्य होती
Read Moreहिंदी समालोचक ‘खगेन्द्र ठाकुर’ का अवसान ! दिनांक- 13 जनवरी 2020 को हमने बिहार और झारखंड के रहवासी डॉ. खगेन्द्र
Read Moreआज़ादी से पहले हिंदी के लिए कोई समस्या नहीं थी, आज़ादी के बाद हिंदी की कमर पर वार उन प्रांतों
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