रोटी से लेकर काले-गोरे का भेद नहीं !
‘मेरे देश की संसद, इसपर मौन है’ यह कविता सुप्रसिद्ध कवि स्व. सुदामा पांडे ‘धूमिल’ की है, यथा- “एक आदमी
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Read Moreस्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर सुश्री स्वर्णलता विश्वफूल की कविता ‘वीर शहीद’ तो पढ़िये- “वतन पे मरनेवालों…. तेरा यही निशाँ
Read Moreहिंदी साहित्यकार “गोपाल सिंह नेपाली” के जन्मदिवस पर सादर नमन ! हिंदी और नेपाली भाषा के साहित्यकार गोपाल बहादुर सिंह,
Read Moreअक्सर हम कई के बारे में सोचते हैं, कई पहलुओं पर सोचते हैं, अर्थात यह भी कि- “यह कानून बना
Read Moreआचार्य शिवपूजन सहाय के जन्मदिवस पर सादर नमन ! दुनिया को ‘आँचलिकता’ से रूबरू करानेवाले हिंदी के पहले उपन्यासकार शिवपूजन
Read Moreभारतीय मूल के ‘वी एस नायपॉल’ भारत के हितैषी नहीं थे ! जब नीरद सी. चौधुरी का देहावसान हुआ था,
Read Moreमेरा धर्म ‘धर्मांध’ नहीं है, अपितु व्यक्तिश: पीड़ा को जानना भी है ! सिर्फ सवर्ण मिलकर ही सनातन धर्म नहीं
Read More“मैं साहित्यकार, संसार को नित जगाता रहा। किस ओर जा रहा है। उसका
Read Moreराष्ट्रकवि मैथिलीशरण यानी साकेत, यशोधरा, जयद्रथ वध, भारत-भारती के कवि मैथिलीशरण गुप्त देश के दो राष्ट्रकवि में एक थे। ध्यातव्य
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