ग्रोकवा का इन्टरव्यू
सोशल मीडिया के पिटारे से कुछ ना कुछ नया भूत निकलता ही रहता है । तो अभी हाल फिलहाल ग्रोक
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Read Moreकोई मुझे बाहर निकालो, भाई! चार दिन से कार की पिछली डिक्की में पड़ा हूँ। मालिक भूल गए क्या? नर्सरी
Read Moreपुरानी कहावत सुन थी कि, मरा हुआ हाथी सवा लाख का होता है। नयी कहावत है, गड़ा हुआ बादशाह करोड़ों
Read Moreबात कोरोना काल की है। होली में मुझे ससुराल जाना था, इसलिए पत्नी का सख्त आदेश
Read Moreवह जमाना कभी का गुजर गया जब भारत कृषि प्रधान देश हुआ करता था। हमारे देश की अधिकांश परम्पराएँ, मान्यताएँ,
Read Moreजनता से लेकर नेता तक,चमचा से लेकर भगौना तक,चम्मच से लेकर दौना तक,वाचाल से लेकर मौना तक ‘पहले मैं’ का
Read Moreमैंने खिड़की के बाहर झांका, बाहर दे दनादन रंगों की बरसात जारी थी। मिर्जा लिपे-पुते सनसनाते हुए चले आ रहे
Read Moreसतयुग, त्रेता और द्वापर युग में चाहे कौनसे भी मंत्र तारक, उद्धारक और पालक रहे होंगे मगर इस कलियुग में दो-तीन ही
Read Moreमैं एक नन्हा – सा मच्छर हूँ।यह आप सब बहुत अच्छी तरह से जानते हैं।जितना ही मैं आपके निकट आता
Read Moreयमराज के सामने मुझ गरीब लेखक की गरीब आत्मा को पेश किया गया, यमराज के सामने सभी सीट पहले से
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