व्यंग्य – क्या आपने उँगली की?
उँगली करना अच्छी बात नहीं है। परिवार से लेकर विद्यालय तक और सेवा से लेकर सामाजिक जीवन तक यही सिखाया
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Read Moreमुसलमानों के लिए बहुत आदरणीय व्यक्ति मुल्ला नसरुद्दीन बड़े पहुंचे हुए दार्शनिक माने जाते थे, दुनियाभर में उनके लाखों कद्रदान
Read Moreजूते पैरों की आन बान शान होते हैं ।जूते पहले हमारे देश में आम आदमी को बनाने का अधिकार था
Read Moreआग की सामान्य प्रकृति है : जलाना।उसके समक्ष जो भी वस्तु आती है या लाई जाती है ;वह उसे जलाकर
Read More‘नींद’ !अहा..हा..कितना मादक शब्द है!कितनी शांति पगी है इस शब्द मे। यह नाम ज़हन मे आते ही गज़ब की खुमारी
Read Moreन…न…न… मुझे ग़लत मत समझिए। मैं केजरीबवाल का साथी नहीं हूँ और किसी शराब या खनन घोटाले से भी मेरा
Read Moreऔर अंततः चुनाव की घोषणा ही गई किसी लाभ के पद को प्राप्त करने के लिए नेताओं ने दो “चरणों”
Read Moreमेरे सामने जब भी कोई गंजा आदमी आता है मैं सब से पहले उसके नाखून चेक करता हूं। मेरे को
Read Moreजब भी कोई खस्ता हाल आदमी दिखे जो उजड़ा हुआ चमन सा महसूस हो तो समझ जाना ये बहुत से
Read Moreलल्लू जी ने सुना था ..जीवन में बसंत का आना जाना एक सामान्य घटना है । पर लल्लू जी को
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