वीरांगना ए हिंद झलकरी बाई
22 अगस्त 1830 को धरा पर आई, नाम पड़ा उसका झलकरी बाई। मां जमुना थी पिता सदोबा कोली, आगे तोपची
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Read Moreजिस व्यक्ति की पत्नी के ‘जीजाजी’ होते हैं, उस व्यक्ति को दिन में नींद आ जाती होगी, किन्तु रात में
Read More‘नाक’ कटने से लोगों को तूफान नहीं मचाने चाहिए, क्योंकि ‘नाक’ लिए बना शब्द अच्छे नहीं हैं, यथा- ख़तरनाक, शर्मनाक,
Read Moreभारतीय अंतरिक्ष अन्वेषण के द्वितीय जनक डॉ. विक्रम अम्बालाल साराभाई की पुण्यतिथि पर सादर नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि…. अंतरराष्ट्रीय स्तर
Read Moreइस सदी के दूसरे दशक की अंतिम तारीख के शेष घंटे हेतु मेरे तरफ से भरपूर प्यार, मित्रो ! ××××
Read Moreजिंदगी की दहलीज पर खड़ा होकर एक दिन उम्र ने तलाशी ली तजुर्बे की जेब से जो बरामद हुआ वह
Read Moreघिस – घिस छोटा मैं होता हूँ। मैल तुम्हारा मैं धोता हूँ।। तरह – तरह के रँग हैं मेरे। महक
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