वसुधैव अकुटुम्बकम !
खाद्यसामग्री और रुपये की अचानक किल्लत होने पर कुछ मित्रो और समाजसेवियों को मैसेज भेजा, पर सहयोग नहीं मिला !
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Read Moreचक्की मिल तो ‘सोशल डिस्टिनसिंग’ के कारण तो जानी नहीं है…. गेहूँ के दर्रे तैयार करने में ‘माँ’ जुटी हैं,
Read Moreकिसी तरह की ‘वायरस’ की आजतक कोई दवा नहीं बनी है ! चाहे वो डेंगू वायरस हो, चिकनगुनिया हो, एचआईवी
Read Moreरावलपिंडी में जन्म, फिर भारत विभाजन के बाद लखनऊ आकर बस गए आनंद बख्शी ने 600 से अधिक फिल्मों के
Read Moreदीपावली कुछ दिनों बाद आने बाली थी पर अबकी बार मौसम भी कुछ विचित्र सा गर्मी लिए हुए था साथ
Read Moreहम जिस अंग के प्रति उत्सुकता लिए और आकर्षित रहते हैं, वो गंदगी का दूसरा नाम है ! दरअसल ‘मानव
Read Moreमैं हूँ “भाषा का डॉक्टर” ! हर विचारों, सिद्धांतों का ‘पोस्टमार्टम’ करता हूँ और नए-नए विचारों पर कार्य करता हूँ
Read Moreजॉन एलिया लिखते हैं – “एक हुनर है जो कर गया हूँ मैं सब के दिल से उतर गया हूँ
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