लोढ़ती सरसों
लोढ़ती सरसों, देखा उसे मैंने- महेंद्र बाबू के ड्योढ़ी पर आज नहीं, कल-परसों, लोढ़ती सरसों । ××××× दिवस फ़ाग अँधियारा,
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Read Moreकार्तिक पूर्णिमा की महत्ता नानकदेव के जन्म लेने के कारण भी है । ननकाना अथवा तलवंडी के नानक का जन्म
Read More‘दीपावली से छठ तक’ शीर्षक न्यूज़फ़ीचर, जो जयपुर (राजस्थान) से प्रकाशित राष्ट्रीय साप्ताहिक ‘आमख्याल’ के दिनांक- 09.12.1993 अंक में प्रकाशित
Read Moreवर्ष 2019 में T20 क्रिकेट में कर्म ही पूजा है (Work is worship) रही, तभी तो बांग्लादेश के हाथों ‘भारत’
Read Moreपिछले छःमाह से लीना बिस्तर से उठ तक नहीं पा रही थी।उसकी बीमारी का शायद कोई इलाज न था।डाक्टरों के
Read Moreयह सच है कि हमारे दाम्पत्य जीवन में सब कुछ ठीक नहीं है, हम नदी के दो छोर हैं उनके
Read More1.बायोस्कोप आओ-आओ बायोस्कोप देखो, पंसेरी का चूहा देखो, बारह मन की धोबन देखो, पैसा फेंको, तमाशा देखो. गागर में भर
Read Moreरात हलाला नेक है, उठते नहीं सवाल ! राम नाम की दक्षिणा,पर क्यों कटे बवाल !! वर्तमान दौर में ये
Read Moreभ्रूण अगर वीर्य से बनते हैं, तो क्या मुर्गियों के अंडे में भी भ्रूण होते हैं ? और तब क्या
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