रिश्ते
सहेज कर रखा जिन को वो,अजनबी होते क्यों रिश्ते। टूट कर पात से बिखर जाएं मतलबी होते क्यों रिश्ते। दिल
Read Moreसमाज में अपनी , विकृत मानसिकता को। छुपाने के लिए, अबॉर्शन करवाते हैं । कभी बेटों के लिए , कभी
Read Moreबांदा। कविता जीवन का सतत् प्रवाह है, सहज अभिव्यक्ति है। कविता में जीवन के विविध रंग अपनी मनोहारी छटा के
Read Moreतुम तक हर कोई आसानी से ना पहुंच सके पार करने पड़े राही को अथा कठिन रास्ते, पीना पड़े गरल
Read Moreभ्रष्टाचार और हत्या आदि के आरोपों से घिरे नेताजी ने गांधी जयंती समारोह की तैयारियों का जायजा लेने के लिए
Read Moreबोधनराम को सौ चक्कर लगाने के बाद आखिर आज पचास हजार रुपये का मुआवजा
Read Moreगरम समोसे मुसकाते हैं ,मुँह में पानी वो लाते हैं। तीन नुकीले कोनों वाले ,सबके मन को ललचाते हैं। स्वाद
Read Moreसही गलत अब तो पहचानो,किसको कब अपना तुम मानो। जीवन के इस आसमान में ,अपनी ख़ुशी पतंग तुम तानो। हार
Read More(नवरात्रि पर भक्तों की गुहार सुनकर माता रानी जब धरा पर आने को तत्पर हुई तो स्वर्गलोक और कैलाश स्थित
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