मिलन अब हमारा तुम्हारा न होगा
बहुत दूर मुझ से बसी हो विरागिन, मिलन अब हमारा तुम्हारा न होगा। किसी दिन तुम्हीं रुप सी बन खडी़
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Read Moreओ३म् मनुष्य संसार में जन्म लेता है, कर्म करता है, शैशव, बाल, किशोर, युवा, प्रौढ़ तथा वृद्धावस्थाओं को प्राप्त होता
Read Moreओ३म् हम मनुष्य कहलाते हैं। हमारा जन्म हमारे माता-पिता की देन होता है। माता-पिता को हमें जन्म देने व पालन
Read Moreमोहम्मद हनीफ पुत्र स्वर्गीय अब्दुल गनी अरंड खेड़ा तहसील लाड़पुरा के रहने वाले हैं। इनके पिता किसान व माँ गृहणी
Read Moreये दुनिया खुशियों का मेला ,इसमें भरना नहीं झमेला ,उससे मिलना ख़ुशी ख़ुशी से ,जो मानव होवे अलबेला। —जोर लगा
Read Moreसच नैया खेते रहे ,झूठ नदी पर यार,सच चप्पू करता रहा ,झूठ लहर से प्यार ,झूठ लहर से प्यार ,पवन
Read Moreदो गीत 1.लगता है मधुऋतु आई है जब हरी-हरी हो वसुंधरा, अंबर सज्ज्न-मन-सम निर्मल, जब बहे बयार बसंती जब, लगता
Read Moreमैं नारी हूँ माँ,अम्माँ, जननी,मैया कहते मुझको बन ममतामयी चाह पद निभाना हैं सब मुझको। नवरात्रों में पुजा होती, कंजक
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