सौगंध
नहीं जानती तुम मां भारती मैं तुमको कितना चाहता हूँ इसीलिए तुम्हारी रक्षा की सौगंध आज मैं खाता हूँ। आँच
Read Moreकभी जुदाई लगती थी ज़हर अब फ़ासले ज़रूरी है जीने के लिए दर्द तो होता है दिल में मगर हैं
Read Moreचिरंजीवी शिवांश भक्तवत्सल भगवान आञ्जनेया महावीर महातपस्वी बलवान कपीश्वर महाकाय दैत्यकार्य विघातक रामदूत बजरंगी दशग्रीव कुलान्तक परविद्या परिहार सिंहिकाप्राण भंजन
Read Moreत्याग का पर्याय प्रतीक शौर्य का पुरुषों में उत्तम संहर्ता क्रौर्य का परहित प्रियता भ्राताओं में ज्येष्ठ कर्तव्य परायण नृप
Read Moreसंकट साहित्य पर है बड़ा ही घनघोर धूर्त बना प्रकाशक लेखक बना है चोर भूखे हिंदी के सेवक रचनाएं हैं
Read Moreहमने गरीब बन कर जन्म नहीं लिया था हां, अमीरी हमें विरासत में नहीं मिली थी हमारी क्षमताओं को परखने
Read Moreमैं कल भी अकेला था आज भी अकेला हूं और संघर्ष पथ पर हमेशा अकेला ही रहूंगा मैं किसी धर्म
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