ग़ज़ल (ऐतवार)
बोलेंगे जो भी हमसे बो ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें
Read Moreबोलेंगे जो भी हमसे बो ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें
Read Moreतुझे पा लिया है जग पा लिया है अब दिल में समाने लगी जिंदगी है कभी गर्दिशों की कहानी
Read Moreवक़्त ऐसे ही अपना ना जाया करो दूर रह कर हमेशा हुए फासले ,चाहें रिश्तें कितने क़रीबी क्यों ना हों
Read Moreमाता मम्मी अम्मा कहकर बच्चे प्यार जताते थे मम्मी अब तो ममी हो गयीं प्यारे पापा डैड हो गए
Read Moreगज़ल (शून्यता) जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा है उम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता
Read Moreकिसकी कुर्वानी को किसने याद रखा है दुनिया में जलता तेल औ बाती है कहते दीपक जलता है पथ
Read Moreगर दवा नहीं है दर्द की तुझ पे दिल में दर्द जगाता क्यों है जो बीच सफर में साथ छोड़
Read Moreदीपों का त्यौहार मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार ईश्वर से हम
Read Moreवह हमसे बोले हँसकर कि आज है दीवाली उदास क्यों है दीखता क्यों बजा रहा नहीं ताली मैं कैसें
Read Moreहमको कुछ नहीं मालूम देखा जब नहीं उनको और हमने गीत नहीं गाया जमाना हमसे ये बोला की बसंत माह
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