भोर (40 हाइकु)
1. भोर होते ही हड़बड़ाके जागी, धूप आलसी। 2. आँखें मींचता भोरे-भोरे सूरज जगाने आया। 3. घूमता रहा सूरज निशाचर
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Read Moreहाइकु (नव-दुर्गा)P शैलपुत्री माँ हिम गिरि तनया वांछित-लाभा। ** ब्रह्मचारिणी कटु तप चारिणी वैराग्य दात्री। ** माँ चन्द्रघण्टा शशि सम
Read Moreये बालक कैसा? (हाइकु विधा) अस्थिपिंजर कफ़न में लिपटा एक ठूँठ सा। पूर्ण उपेक्ष्य मानवी जीवन का कटु घूँट सा।
Read More1.चिराग जला दीपावली की रात उजाला फैला 2.कहाँ उजाला झोंपड़ी के बाहर घना अँधेरा 3. प्रकाश आओ गरीबों की दीवाली
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