राजनीति

भाजपा सांसद योगी आदित्य नाथ ने कांग्रेस की फर्जी धर्म-निरपेक्षता की धज्जियां उड़ायीं!

नई दिल्ली:  गोरखपुर से निर्वाचित भाजपा सांसद योगी आदित्य नाथ ने संसद में कांग्रेस की तथाकथित धर्म-निरपेक्षता की धज्जियां उड़ा दीं। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर विचार-विमर्श की मांग की थी।  योगी आदित्यनाथ इसी चर्चा के दौरान बोल रहे थे।  उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ही, जो सांप्रदायिक सौहार्द की केवल बातें करती रही है, मुख्यत: साम्प्रदायिकता के आधार पर लोगों में दरार पैदा करने के लिये ज़िम्मेदार है, और कांग्रेस के हाथ पूरी तरह इस हिंसा में है।  उन्होने मांग की कि इन सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा शुरू की जानी चाहिए।

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योगी आदित्यनाथपो ने कांग्रेस के तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की धज्जियां उड़ाते समय निम्नलिखित बातें प्रस्तुत कीं:-

  1. भारत में 12 लाख से अधिक संतों, पुजारियों और ऋषियों के होने के बाद भी कांग्रेस के केवल इमामों को ही वेतन देने की घोषणा की है।  दिल्ली, बंगाल और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों द्वारा भी यही समान नीति अपनाई गई है।  क्या यही कांग्रेस की धर्म-निरपेक्षता है?
  2. कश्मीर से 3,50,000 हिन्दुओं का विस्थापन हुआ।  लेकिन कांग्रेस ने कभी कोई  सामान्य विरोध भी दर्ज नहीं किया।  अत:, अब इस मामले पर संसद में चर्चा का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है।
  3. उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी योजनाओं में मुसलमानों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया है।
  4. कब्रिस्तानों द्वारा यू पी में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
  5. उत्तरप्रदेश सरकार ने वोट बैंक के लिये ही आतंकवादियों के खिलाफ मामले वापस लिये हैं।
  6. वहां वर्ष 2012 में हिंसा की 118 घटनायेँ  हुई;   2013 में 247 और अकेले मार्च 2014 से मई 2014 तक में 235 ऐसी घटनायें हुई हैं।
  7. न्यायालय के आदेश के अनुसार सहारनपुर में एक गुरुद्वारे का कार्य चल रहा था, लेकिन, सरकार और प्रशासन अदालत के इस आदेश का पालन करने को तैयार नहीं था।
  8. कांठ में 3 मस्जिदें और 1 मंदिर हैं। सभी 3 मस्जिदों में लाउडस्पीकरों को अनुमति दी जाती है, लेकिन कुछ लोग मंदिर में ही लाउडस्पीकरों के प्रयोग पर आपत्ति कर रहे हैं।  इसके कारण ही दंगे हुए;  पर फिर भी सरकार लापरवाह रही।
  9. कांग्रेस ने अभी तक मेरठ में एक हिन्दू युवती के अपहरण और मदरसे मैं उसके जबरिया धर्मपरिवर्तन के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला है।
  10. वर्ष 2012 में असम में दंगे हुए; लेकिन कांग्रेस ने कभी इस मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं की। जब स्थानीय बोडो लोगों को असम में मारा जा रहा था, तब भी कांग्रेस खामोश रही। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस ने बोडो जनजातियों के पक्ष में बात करने वाले मुख्य मंत्री को ही निशाना बनाया, और उस की आलोचना की।  कांग्रेस ने असम में दंगों के लिये  उत्तरदायी  बंग्लादेशी घुसेपैठियों की वकालत भी की है।
  11. आज बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण इस देश की हालत बहुत बिगड़  गई है। असम के चार ज़िले आज इन्हीं बांग्लादेशी घुसेपैठियों के कारण हिंसा से ग्रस्त हैं। वे वहाँ भूमियों पर कब्जा करके वहाँ स्थापित हो चुके हैं। उन घुसपैठियों को निष्काषित करने की बजाय, कांग्रेस ने उन्हें वक़्फ़ के साथ-2 राशन कार्ड भी जारी कर दिये हैं। कांग्रेस ने इस प्रकार देश की सुरक्षा से खेल किया है।  कांग्रेस में  उन बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति अधिक अपनत्व पैदा हो गया है,  और वह उन हिन्दुओं के साथ – जो हजारों वर्ष से वहाँ रह रहे हैं – बाहर से आये लोगों की तरह व्यवहार कर रही है।
  12. मुम्बई के आजाद मैदान में, म्यानमार से आये मुसलमानों पर  हुये दंगों को रज़ा एकेडेमी ने भडकाया था, उन्होने शहीद स्मारक को क्षतिग्रस्त किया;  पुलिस और मीडिया प्रतिनिधियों को पीटा, फिर भी कांग्रेस चुप रही।  इसके बाद बरेली, कानपुर, प्रयाग और लक्ष्मणपुरी में भी दंगे हुए; कांग्रेस ने फिर भी इन दंगों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई।  लेकिन उसी कांग्रेस ने बाबा रामदेव जैसे देशभक्त द्वारा शुरू किये गये आंदोलन को,  उन्हें और उनके अनुयाइयों की बुरी तरह पिटाई कर के, कुचल दिया था। ऐसी कांग्रेस को सांप्रदायिक हिंसा के बारे में बात करने का क्या अधिकार है?
  13. भागलपुर दंगों में भी कांग्रेस चुप ही रही थी।
  14. कांग्रेस, जिसने 1984 में सिखों का नरसंहार किया था, उसे आज भी इस पर कोई अफसोस नहीं है।
  15. कांग्रेस और कम्यूनिस्ट साम्यवादियों ने, केवल कोयम्बटूर और बंगालुरू के बम विस्फोटों में पकडे गये आतंकवादियों की रिहाई की मांग करने के लिये, राज्य की विधान सभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया था।
  16. कांग्रेस ने सच्चर कमीशन की रिपोर्ट से केवल देश के लोगों को विभाजित किया है।
  17. कांग्रेस, जिसने 1947 में इस देश को समुदायों के आधार पर विभाजित किया था, उसे जातीय हिंसा के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस आज भी इस देश के लोगों के बीच विभाजन पैदा कर रही है, और वह पाकिस्तान के एजेंडा के अनुसार काम कर रही है।

कट्टरवादियों के बारे में प्रस्तुत बिंदु 

  1. वे, जो यह समझते हैं कि केवल अल्लाह पर ही विश्वास करने वाले लोगों को ही जीने का हक़ है, वही लोग वास्तविक संप्रदायवादी है। हिन्दू धर्म में सांप्रदायिकता के लिये कोई स्थान नहीं है, क्यों कि यह “सर्वत्र सुखिना सन्तु” में विश्वास करता है।
  2. हज यात्रा के लिये जा रहे भारतीय मुसलमानों को वहाँ पर हिन्दुओं के नाम से जाना जाता है, फिर भी भारत लौट कर आने पर उन्हें अपनी वही पहचान स्वीकार्य नहीं होती है।

हिन्दुओं के बारे में प्रस्तुत बिंदु

1।   हिन्दू सांप्रदायिक नहीं हैं, बल्कि वे देशभक्ति का प्रतीक है।

2.   हिन्दुओं को अपने खिलाफ रची जा रही साज़िशों के बारे में जागरूक रहना चाहिये, और उन्हें मिलकर रहना चाहिये।

3.    कांग्रेस को अपनी सारी शक्तियों से हिन्दू धर्म को बदनाम करने की कीमत चुकानी ही पड़ेगी।

स्रोत: दैनिक सनातन प्रभात

One thought on “भाजपा सांसद योगी आदित्य नाथ ने कांग्रेस की फर्जी धर्म-निरपेक्षता की धज्जियां उड़ायीं!

  • विजय कुमार सिंघल

    योगी जी के तर्क बहुत वजनदार हैं. वास्तव में कांग्रेस प्रारंभ से ही घोर हिन्दू विरोध और मुस्लिम तुष्टीकरण करती रही है, जिसको वह धर्म-निरपेक्षता कहती है. वास्तव में यह शर्म-निरपेक्षता है. योगी जी ने संसद में कांग्रेस को बेनकाब करके एक अच्छा कार्य किया है.
    प्रस्तुति के लिए आभार !

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