कहानी

वो अजनबी लड़की

केशव ने कुर्सी पर बैठे हुए ही सामने लगी दिवार घडी पर नजर डाली तो देख के चौंक गया , एक बजने वाले थे ।
उसने आस्चर्य मिश्रित आवाज में कहा ” ओये, आज फिर देर होगी काम करते करते …. जब से यह नया काम हाथ में लिया है तब से पूरा करने के चक्कर में समय का भी ध्यान नहीं रहता । चल बेटा केशव निकल ले अब वर्ना आज फिर ढाबे बंद हो जायेंगे और कुछ नहीं मिलेगा”

इतना बडबडाते हुए केशव ने हेलमेट और बैग उठा लिया , एक सैकेंड रुक के उसने अपनि जैकेट के अन्दर रखी रिवाल्वर पर हाथ मारा और सिर हिलाता हुआ बोला ‘ ठीक है’।
वह दफ्तर की सारी बत्तियां बंद करता हुआ तेजी से बाहर निकला, जेब से चाबी निकाल के फटाफट ताला लगाया और तेजी से सीढ़ियो की तरफ लपक लिया ।
सीढ़िया उतर के वह पार्किग मे आया , उसे देखते ही गार्ड ने नमस्कार किया और दांत दिखता हुआ बोला ” क्या सर जी आज फिर लेट?”
” हाँ यार , आज फिर लेट हो गया” – केशव ने ठंढी साँस छोड़ते हुए कहा ।

इतना कह के वह अपनी मोटरसाइकिल की तरफ बढ़ा , मोटर साइकिल स्टार्ट करके मेन गेट से बाहर निकल गया।
कुछ ही क्षणों में केशव की मोटरसाईकिल हवा से बाते कर रही थी , गलियां सारी सुनसान थी । बीच बीच में कुत्तो के भौकने की आवाजे ही सुनाई दे रही थी। मोटरसाइकिल मुख्य सड़क पर आ गई थी ,जैसे ही बस स्टॉप से केशव की मोटर साईकिल कुछ दुरी पर गई होगी तभी उसके कानो में किसे के चीखने की हलकी आवाज सुनाई दी। उसने मोटरसाइकिल एक दम से रोक ली और मुड़ के देखने लगा , वह अभी सोच ही रहा था की आवाज सच में आई थी की उसका वहम था।
पर तभी उसे वही आवाज फिर से सुनाई दी , उसने आवाज की दिशा में मोटरसाइकिल मोड़ ली। आवाज किसी लड़की की लग रही थी । वह आवाज एक पार्क के की दीवार तरफ से आ रही थी उसने मोटरसाइकिल उसी तरफ दौड़ा दी, जब वह उस आवाज के पास पंहुचा तो हेडलाईट की रौशनी में उसे तीन लोग दिखे । एक लड़की और दो युवक , युवक उस लड़की से जबरजस्ती करने की कोशिश कर रहे थे पर लड़की उनके चंगुल से बार बार छूट रही थी और बराबर चिल्लाये जा रही थी, केशव ने उन्हें वंही से ललकारना शुरू कर दिया था ।जब युवको ने शोर मचाते हुए मोटरसाइकिल सवार को अपनी तरफ आते देखा तो लड़की को छोड़ के भाग गए ।

केशव ने मोटरसाइकिल वंही छोड़ के उनका पीछा करना चाहा पर वे युवक अँधेरे में गायब हो चुके थे । अब केशव लड़की के पास आया , अँधेरा होने के कारण चेहरा साफ़ नहीं दिख रहा था पर लड़की की उम्र 24-25 साल की होगी । केशव ने उससे पूछा ” कौन हैं आप और ये कौन लोग थे? इतनी रात को आप यंहा अकेली क्या कर रही हैं?”।
” जी मेरा नाम रीमा है” लड़की ने हकलाते हुए कहा ” और मैं अपने होटल में जा रही थी ” लड़की ने कहना जारी रखा।

केशव ने उसे बीच में रोकते हुए कहा ” ठीक बाकी बाते बाद में अभी पहले यंहा से चलिए रीमा जी” ।
केशव ने मोटर साईकिल स्टार्ट की लड़की पीछे बैठ गई, थोड़ी देर में वे खुली रोड पर थे जंहा हाई मास्क लाइट्स का पर्याप्त उजाला था , मोटरसाईकिल रोकते हुए केशव ने कहा ” ठीक है रीमा जी यंहा हम बात कर सकते है”
रीमा मोटरसाइकिल से उतर कर एक तरफ खड़ी हो गई, केशव ने उतारते हुए रीमा पर नजर डाली।
एक क्षण के लिए केशव रीमा को देखता ही रह गया , बिलकुल किसी फ़िल्मी नायिका की तरह लग रही थी ऐसा लग रहा था मानों रुपहले परदे से बाहर आ गई हो । ऐसी लड़की केशव ने अपने जीवन में कम ही देखी थी।
केशव ने अपने अपने सिर को झटकते हुए कहा ” रीमा जी अब बताइए की आप वंहा कैसे फंस गईं? ”
” मैं अपनी फ्रेंड से मिल के होटल जा रही थी ऑटो लेके , रस्ते में ये लोग मिल गए थे और जबरजस्ती ऑटो रुकवा के मुझे उतार लिया ” – रीमा ने कहा
” क्या ऑटो वाला भी था उनके साथ”- केशव ने प्रश्न किया।
रीमा ने नहीं की मुद्रा में सिर हिलाते हुआ कहा” नहीं उसको इन्होने मार पीट के भगा दिया , हो सकता है वह भी मिला हो उनके साथ पर वह उस समय नहीं था”
” ठीक है , पुलिस कम्प्लेट लिखवाना चाहती हो?- केशव ने पूछा।
” नहीं … नहीं पुलिस नहीं” रीमा ने लगभग घबराती हुई आवाज में कहा
इस पर केशव ने आश्चर्य से पूछा”कमाल है! इतना सब कुछ तुम्हारे साथ हुआ फिर भी पुलिस कम्प्लेंट नहीं करवाना चाहती हो ऐसा क्यों?
” बस ऐसे ही , मैं पुलिस को इस मामले में नहीं लाना चाहती- रीमा ने जबाब दिया
केशव रीमा को आस्चर्य से देखता रहा , उसे थोडा शक हुआ की कैसी लड़की है यह ।
रीमा ने केशव के चेहरे पर उठे भावो को पढ़ते हुए कहा ” प्लीज मुझे गलत मत समझना, दरसल मेरा वीजा कई दिन पहले ख़त्म हो गया है जिस कारण मैं पुलिस को इस मामले में नहीं लाना चाहती और चुप चाप इण्डिया से निकल जाना चाहती हूँ”
“ओह यह बात है …. हम्म” केशव ने रीमा के चहरे को पढ़ते हुए कहा ।
‘जी’ रीमा ने उत्तर दिया ।
ठीक है चलो पहले कुछ खाते हैं , आपके चक्कर में कुछ खा भी नहीं पाया – केशव ने कहते हुए एक बार फिर मोटरसाइकिल में किक मारी।

थोड़ी देर में वे दोनों एक ढाबे पर पहुच चुके थे , मोटरसाईकिल खड़ी करने के बाद दोनों ढाबे पर गए ।
” इतनी रात को यही ढाबा खुला मिलता है “- केशव ने रीमा से कहा
दोनों के बैठने के बाद वेटर को बुला के खाने का आर्डर दिया
इस बीच केशव ने रीमा से पूछा की वे बदमास क्या क्या लगाये है । रीमा ने बताया की “वे लोग मेरा पर्स और मोबाइल छीन के ले गए हैं , पर्स में मेरा पासपोर्ट , ATM, बहुत जरुरी डोक्युमेन्ट्स, और बीस हजार रूपये थे । मेरी कल 9 बजे की फ्लाईट है आस्ट्रेलिया की” – रीमा ने दुखी होते हुए कहा ।
इतने में वेटर खाना लेके आ गया , दोनों ने खाना शुरू और बातचीत भी।
रीमा बताये जा रही थी , केशव रीमा की बात ध्यान से सुन रहा था । केशव की रीमा चेहरे की मासूमियत और उसकी सुन्दरता आकर्षित कर रही थी , मानो उसको सापनो की राजकुमारी की तरह।
थोड़ी देर बाद जब रीमा ने बोलना बंद किया तो जैसे केशव नींद में से जागा हो, रीमा केशव की तरफ देखते हुए कहा ” क्या हुआ आप चुप क्यों हैं”
” कुछ नहीं … कुछ नहीं मैं तो यह सोच रहा था की आपका सामान कैसे वापस लाया जाये”- केशव ने झेपते हुए कहा
“क्या अब भी सामान मिलने की उम्मीद है” रीमा ने आँखे गोल करते हुए पूछा
” हां , पॉसिबल तो है,जिस एरिये में आपका सामान लूटा गया है उस एरिये के दादा यानि सबसे बड़े गुंडे को जानता हु, जिसका नाम बल्लू है एक बार में मैंने ही उसको पकड़वाया था, देखना पड़ेगा की वह मदद करता है की नहीं ” – केशव ने बात ख़त्म की।
आगे जारी रखते हुए उसने रीमा से कहा ” चलो हमें अभी चलना पड़ेगा उसके पास वर्ना देर हो जाएगी तो सामान नहीं मिलेगा”
दोनों वेटर को पैसे देके मोटरसाईकिल की तरफ चल दिए ।
थोड़ी देर में वे उस एरिये में वापस पहुच गए जंहा रीमा का सामान लूटा गया था , पतली संकरी गलियों में मोटर साईकिल दौड़ी जा रही थी । दिन में इन गलियी मेब पैर रखने की जगह तक नहीं होती है पर इस समय खाली थी।
मोटरसाइकिल एक ईमारत के पास जा के रुकी , ये तिमंजिला ईमारत थी जिसमें ऊपर जाने के लिए संकरा सा जीना बना हुआ था ।
केशव ने रिवाल्वर निकाल ली , रिवाल्वर देख के रीमा को आस्चर्य हुआ पर वह चुपचाप केशव के पीछे हो ली। रिवाल्वर हाथ में लिए केशव बड़ी सावधानी से आगे बढ़ रहा था । दूसरी मंजिल पर पहुचने के बाद वह एक कमरे के दरवाजे के आगे रुका ।
कान लगा के अन्दर की आवाज सुनने लगा , अन्दर से कोई आवाज नहीं आ रही थी पर अन्दर कोई न कोई था क्यों की दरवाजे के नीचे से नाईट बल्ब की रौशनी बहार आ रही थी।

केशव ने रीमा से कहा की वह दरवजा खटखटाए , क्यों की लड़की की आवाज सुन कर दरवाजा जल्दी खोलेगा वह। रीमा ने दरवाजा खटखटाया थोड़ी देर बाद एक युवक ने दरवाजे को आधे खोलते हुए रीमा से पूछा की वह कौन है और किससे मिलना चाहती है तो रीमा ने बताया की उसे बल्लू से मिलना है । बल्लू का नाम सुनते ही वह भड़क गया और बोला की यंहा कोई बल्लू नहीं है रीमा को भाग जाने के लिए बोला । पर रीमा बार बार मिन्नते करने लगी , युवक ने अब रीमा को गौर से देखा तो उसकी खूबसूरती पर मोहित हो गया और लार टपकता हुआ बोला ठीक है एक मिनट रुको।इतना कह के उसने बाहर आके सब कुछ ठीक है यह जाचने के लिए बाहर आया । केशव पहले से ही तैयार था उसने रिवाल्वर के बट से युवक पर वार किया , युवक एक पल में ही बेहोश हो गया। उसे खींच के अन्दर कमरे में ले आया और दरवाजा बंद कर दिया । उसने बिना लाईट जलाये कमरे का मुआयना किया , एक दरवाजा और था , यह दुसरे कमरे का था । केशव रीमा को वंही छोड़ चुपचाप दरवाजे के पास आया , धीरे से धक्का देने पर दरवाजा खुल गया । केशव ने झाँक के देखा तो एक बैड पर कोई सोया हुआ मिला। यह बल्लू ही था केशव ने पहचान लिया ।

केशव ने तेजी से बल्लू के टाँगे पकड़ के बैड से नीचे गिरा दिया , बल्लू धडाम से फर्श पर गिरा और जोर से चीखा। पर इससे पहले ही वह खड़ा हो पाता की केशव ने एक लात पेट पर मारी , बल्लू वंही दोहरा होगया । बल्लू ने लेते लेते ही कराहते हुए पूछा ” कौन है तू ? क्या तू पुलिस है?”
” नहीं मैं केशव हूँ… पहचाना मुझे ” केशव ने कहा
” केशव” ” कौन केशव “? बल्लू ने कराहते हुए पूछा
” वही जिसके कारण तू 3 महीने जेल काट के आया था” केशव ने उत्तर दिया
” अब बल्लू याद करता हुआ गुस्से से बोला” केशवsss … तू यंहा क्या कर रहा है कमीने?”
कुछ पूछना है तुझ से केशव ने कहा ।
“पर यह कोई तरीका नहीं है पूछने का , मैं तुझे जान से मार दूंगा कमीने” बल्लू ने कहा
केशव ने जबाब दिया ” पता है मुझे पर यही तरीका था अभी ”
“क्या पूछना है बता” बल्लू ने बैठते हुए पूछा
“तेरे एरिये में एक लड़की का पर्स और जरुरी सामान छीना गया है वह वापस चाहिए”- केशव ने बैठते हुए कहा
” तू पागल हो गया है , इतनी रात को सामान वापस लेने आया है …. और फिर जो सामान एक बार लूट लिया जाता है वह हम कभी वापस नहीं करते” बल्लू ने कहा ।
“पर यह तो करना पड़ेगा” केशव ने धमकी भरे लहजे में कहा और रिवाल्वर बल्लू की कनपटी पर सटा दी ।
अब बल्लू थोडा घबरा गया , उसकी घबराहट देख कर केशव ने उसे समझाया की कैसे वो सामान रीमा के लिए जरुरी है ।
बल्लू ने कहा की उसका साथी जानता है की उस एरिये मे आज कौन काम कर रहा है । युवक को होश में लाया गया , उसने बताया की आज छंगू और अलताफ का नंबर था उस एरिये में और सामान उन्ही के पास मिलेगा सुबह हिस्सा देने यंहा आयेंगे।
केशव ने कहा की सुबह तक का समय नहीं है अभी , उन्हें फोन करो और सामान सहित यंहा बुलाओ ध्यान रहे उनसे कहना की एक भी सामान गायब नहीं होना चाहिए । केशव ने रिवाल्वर बल्लू की कनपटी पर और सख्ती से दबा दी।
कुछ ही मिनटों में बल्लू छंगू से फोन पर बात कर रहा था और गालियाँ देता हुआ पांच मिनट के अंदर सामान सहित आने के लिए कह रहा था।
फोन काटने के बाद वह केशव की तरफ फुफकारता हुआ बोला ‘ केशव यह ठीक नहीं है मैं तुझे जान से मार दूंगा तू हमारे धंधे में फिर टांग अड़ा रहा है ।
“वो बाद की बात है पहले जितना कहा जाए उतना कर” केशव ने उसे चुप करवाते हुए कहा ।
लगभग बीस मिनट बीते होंगे की छंगू और अलताफ दोनों पहुच गए , उनके साथ रीमा का बैग भी था । अन्दर आते ही जब उन्होंने नजारा देखा तो वे भी बौखला गए और केशव पर टूट पड़ने को तैयार थे पर जैसे ही रिवाल्वर की नली उनकी तरफ हुई वे ठंढे पड गए।
उन्होंने बैग केशव की तरफ बढ़ा दिया , केशव रीमा को बैग लेने का इशारा किया । रीमा ने झट बैग ले लिया और चैक करने लग गई। सभी सामान सुरक्षित था बस थोड़े पैसे कम लग रहे थे। रीमा ने केशव को सभी ठीक होने का इशारा किया ।

केशव और रीमा कमरे से बाहर निकल गए और दरवाजे की बहार से कुण्डी लगा दी । मोटरसाइकिल स्टार्ट कर के दोनों हवा से बाते करने लगे , पीछे बैठी रीमा केशव से और नजदीक आ गई थी । केशव को उसकी धडकनों का अहसास होने लगा ,एक अजीब सा अनुभव उसे पहली बार हुआ जैसे हजारो मधुर वीणायें एक साथ उसके दिल में बजने लगी हों । रीमा को वह चाहने तो पहली ही नजर में लगा था पर अनजान लड़की और वो भी मजबूर लड़की से कैसे ऐसी बाते कर दे? दो इस तरह दो अजनबियों का प्यार फिल्मो या किस्से कहनियो में होता है हकीक़त में नहीं ।पर अब उसे लगा की रीमा भी शायद उसे पसंद करने लगी थी तभी इस तरह से उसके इतने नजदीक बैठी है। रीमा और अपने ख्यालो में केशव का मन उड़ा जा रहा था , तभी उसके ख्यालो को भंग करती हुई रीमा की आवाज कानो में पड़ी।
” हम कहाँ जा रहे है”-
” आप बताइये की कंहा चलना है ” केशव ने पलट के पूछा
” होटल, जंहा मैं रुकी हुई हूँ” – रीमा ने उत्तर दिया
मोटरसाईकिल होटल की तरफ मुड़ गई , थोड़ी ही देर में दोनों होटल में पहुँच चुके थे । सुबह के चार बजने वाले थे , थकान से दोनों चूर । रीमा ने कोफ़ी का आर्डर दिया , कोफ़ी पीने के बाद थोड़ी देर में केशव को नींद आने लगी । रीमा से इजाजत लेके वह चलने वाला था की रीमा ने उसका हाथ पकड़ लिया , केशव के दिल की धड़कने तेज हो गई थी ।
” अब सुबह होने में ज्यादा देर नहीं है , थोड़ी देर की बात है आप यंही रुक जाइये ” रीमा ने अपनी सुरीली आवाज में आग्रह किया।
“जज्ज…जी’ केशव लडखडाती आवाज में रीमा के हाथो को देखता हुआ बोला ।
केशव बैड पर लेट गया , रीमा सामने पड़े सोफे पर बैठ गई । रीमा ने कहा की उसे सामान पैकअप करना है उसके बाद आराम करेगी।
केशव लेटे लेटे ही सोचता रहा की रीमा से अपने दिल की बात कह दे पर रीमा को अपने काम में व्यस्त देख उसकी हिम्मत नहीं हुई , फिर जल्द ही थकान होने के कारण नीद की आगोश में चला गया।

अचानक किसी के दरवाजा खोलने की आवाज सुन के केशव चौंक के उठ बैठा ,सामने वेटर था । केशव ने इधर उधर रीमा को देखा पर रीमा कंही नहीं दिखी , वेटर से कुछ पूछने के लिए उसने
मुंह खोला ही था की वेटर ने कहा’ रीमा मैडम सुबह सात बजे ही चेक आउट कर गई हैं ” उन्होंने आपके लिए यह लिफाफा छोड़ा है। काफी देर हो गई थी इसलिए आपको जगाने आ गया ”

वेटर केशव के हाथ में लिफाफा थमा के चला गया ।
केशव ने धडकते दिल से लिफाफा खोला तो उसनें एक ख़त मिला , केशव के सांस में ख़त को पूरा पढ़ गया।
ख़त में लिखा था ” केशव जी मैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद कहना चाहती हूँ , आपने मुसीबत के समय मेरी इतनी मदद की। मैं आपका अहसान जिन्दगी भर नहीं भूल सकती । पर मेरा आस्ट्रेलिया जाना जरुरी था मैंने आपसे झूठ बोला था , दरसल मेरा वीजा ख़त्म नहीं हुआ था पर धोखाधड़ी का केस चल रहा था । मैंने और मेरे बॉय फ्रेंड ने मिल के एक चिट फंड कंपनी खोली थी और करोडो रूपये का ठगने का आरोप लगा हुआ था जिस के कारण मेरे और मेरे बॉय फ्रेंड की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती थी । मेरा बॉय फ्रेंड पहले ही आस्ट्रेलिया जा चुका है ,मैं अपने पापा की प्रोपर्टी बेचने के लिए रुक गई थी उस रात उसी के सिलसिले में वापस आने में रात हो गई थी ।

एक बार फिर से थेंक्स मेरी मदद के लिए ।

केशव के हाथो से ख़त छूट गया , उसने घडी पर निगाह डाली तो दस बज चुके थे …. आस्ट्रेलिया की फ्लाईट छूटे हुए एक घंटा बीत चुका था ।

संजय कुमार (केशव)

नास्तिक .... क्या यह परिचय काफी नहीं है?

One thought on “वो अजनबी लड़की

  • विजय कुमार सिंघल

    रोचक कहानी

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