गीत/नवगीत

हमारा भारत हमारा गणतंत्र

 

आओ हम भारत को इस धरती का स्वर्ग बना डालें
प्यार-मोहब्बत के फूलों से बग़िया ये महका डालें

अद्भुत है गणतंत्र हमारा, दुनिया वाले कहते हैं
कई जाति-मज़हब बोली वाले मिलजुल कर रहते हैं
प्यारा हिन्दोस्तान हमारा, और इसे चमका डालें
प्यार-मोहब्बत के फूलों से बग़िया ये महका डालें
आओ हम भारत को………

कोई छोटा-बड़ा नहीं है, हम सबका सम्मान करें
भारत के इस संविधान का,आओ हम गुणगान करें
कभी किसी के लिए न दिल में द्वेष और ईर्ष्या पालें
प्यार-मोहब्बत के फूलों से बग़िया ये महका डालें
आओ हम भारत को………

जबतक दिल में तड़प न हो, ये टूटे तार नहीं जुड़ते
दृढ़ निश्चय के बिना पांव ये घरकी ओर नहीं मुड़ते
आओ भटके भाई को, कर प्यार-दुलार मना डालें
प्यार-मोहब्बत के फूलों से बग़िया ये महका डालें
आओ हम भारत को………

यहाँ न कोई हिन्दू-मुस्लिम,कोई सिक्ख-ईसाई है
सबकी रग में लाल-लहू की लाली वही समाई है
नये वर्ष में नफ़रत के रावण को आज जला डालें
प्यार-मोहब्बत के फूलों से बग़िया ये महका डालें
आओ हम भारत को………

भारत का इतिहास पुरातन शाश्वत और सनातन है
ऋषियों-मुनियों के तप से पोषित ये धरती पावन है
भारत माँ के भाल,सुयश की बिन्दी आज लगा
डालें
प्यार-मोहब्बत के फूलों से बग़िया ये महका डालें
आओ हम भारत को………

मातृभूमि की ख़ातिर अपना तन-मन-धन क़ुर्बान करें
अपनी संस्कृति और सभ्यता पर यारों अभिमान करें
‘भान’ न डूबे कभी देश का, हर वो युक्ति लगा डालें
प्यार-मोहब्बत के फूलों से बग़िया ये महका डालें
आओ हम भारत को………

उदय भान पाण्डेय ‘भान’
मोः 9415001459

उदय भान पाण्डेय

मुख्य अभियंता (से.नि.) उप्र पावर का० मूल निवासी: जनपद-आज़मगढ़ ,उ०प्र० संप्रति: विरामखण्ड, गोमतीनगर में प्रवास शिक्षा: बी.एस.सी.(इंजि.),१९७०, बीएचयू अभिरुचि:संगीत, गीत-ग़ज़ल लेखन, अनेक साहित्यिक, सामाजिक संस्थाओं से जुड़ाव