गीतिका/ग़ज़ल

गज़ल

मेरे जिक्र ने तुमको भी पलभर के लिए चौंकाया होगा।
घड़ी भर के लिए सही पर चेहरा मेरा याद आया होगा।

किस्सा पुराना कह कर तुमने तो दामन झाड़ लिया मगर
किस्मत ने हमें फिर किसी तरीके से यूं मिलाया होगा।

न सोचो अपने बारे में कभी तो गम नहीं होता अब कोई
पर यादों ने हमारी कभी तो आँखों में अश्क लाया होगा।

बदल ली हैं राहें तुमने कब की जानते हैं यह हम मगर
शायद कभी ख्वाब ने भूले से हमारा अक्स दिखाया होगा।

इक दुनिया के हम दोनो बाशिंदे हैं यह जान लो तुम भी
कहीं न कहीं तो हमारी यादों को तुमने करीब पाया होगा।।।
कामनी गुप्ता ***

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |