कविता

कुछ दिन तुम साथ चलो

कुछ दिन तुम साथ चलो
हाथो मे हाथ डाल चलो
प्यार की नयीं कहानी
तुम बनाते  चलो
टुटे थे जो ख्वाब पूराने
उसे हकिकत बनाते चलो
रिश्तो मे बढती दूरियॉ को
जड से मिटाते चलो|
निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४