गीत/नवगीत

गीत

जे एन यू दिल्ली की घटना और देश मे चल रही असामाजिक घटनाओं पर मेरी रचना !!

विद्या के मन्दिर में जब दानवो का सम्मान होता है
दिल पे हाथ रख बताना किसका अपमान होता है
माँ भारती के पुत्र है हम सिर्फ संस्कारों को जीते हैं
छोटे की छोटी सी गलती पर घुट जहर का पीते हैं
जो माता का अपमान करे उनकी गलती माफी नहीं
फासी की सजा भी इन देशी गद्दारो को काफी नहीं
राजनीति के जयचंदो से संविधान लाचार है क्यों
देशी गद्दारो के प्रति ये कानून हुआ बीमार है क्यो
जिन सैनिकों के चलते ये देश रात चैन से सोता है
जिनकी शहादत पर सिर्फ परिवार उसका रोता है
रोटी खाते देश की और गुणगान दुश्मन का गाते है
क्या ऐसे ही कुपुत्रो से ही हमसभी के रिश्ते नाते है
हनुमाथ्पा जी की शहादत इन कुपुत्रो को याद नही
जन्मे ऐसे कुपुत्र इस देश मे मेरी ऐसी फरियाद नही
गर होता रहा अपमान माँ का तो कलम मै तोड़ दूंगा
माँ के पैरो में जीवन अर्पण मै सच लिखना छोड़ दूंगा

— बेख़बर देहलवी

बेख़बर देहलवी

नाम-विनोद कुमार गुप्ता साहित्यिक नाम- बेख़बर देहलवी लेखन-गीत,गजल,कविता और सामाजिक लेख विधा-श्रंगार, वियोग, ओज उपलब्धि-गगन स्वर हिन्दी सम्मान 2014 हीयूमिनिटी अचीवर्स अवार्ड 2016 पूरे भारत मे लगभग 500 कविताओं और लेख का प्रकाशन