कविता

इसे कहते हैं प्रेम

कभी-कभी मन सोचता है
कि कहीं
धरा और अम्बर की
चिर से अनादि काल तक की
पावन प्रेम कथा
दूरियों की वजह से ही तो
नहीं टिकी हुई हैं
कि शायद इसी कारण
झगड़े नहीं होते हैं
कभी अम्बर रो देता है
तब
पिघल जाती है धरती
एक-दूसरे को दिन रैन
एकटक निहारते हुए
जी लेते हैं
इसे कहते हैं
प्रेम
पावन
निर्मल
निः स्वार्थ

©किरण सिंह

*किरण सिंह

परिचय नाम - किरण सिंह जन्मस्थान - ग्राम - मझौआं , जिला- बलिया उत्तर प्रदेश जन्मतिथि 28- 12 - 1967 शिक्षा - स्नातक - गुलाब देवी महिला महाविद्यालय, बलिया (उत्तर प्रदेश) संगीत प्रभाकर ( सितार ) प्रकाशित पुस्तकें - 16 काव्य कृतियां - मुखरित संवेदनाएँ (काव्य संग्रह) , प्रीत की पाती (छन्द संग्रह) , अन्तः के स्वर (दोहा संग्रह) , अन्तर्ध्वनि (कुण्डलिया संग्रह) , जीवन की लय (गीत - नवगीत संग्रह) , हाँ इश्क है (ग़ज़ल संग्रह) , शगुन के स्वर (विवाह गीत संग्रह) , बिहार छन्द काव्य रागिनी ( दोहा और चौपाई छंद में बिहार की गौरवगाथा ) । बाल साहित्य - श्रीराम कथामृतम् (खण्ड काव्य) , गोलू-मोलू (काव्य संग्रह) , अक्कड़ बक्कड़ बाॅम्बे बो (बाल गीत संग्रह) , कहानी संग्रह - प्रेम और इज्जत, रहस्य , पूर्वा लघुकथा संग्रह - बातों-बातों में सम्पादन - दूसरी पारी (आत्मकथ्यात्मक संस्मरण संग्रह) , शीघ्र प्रकाश्य - फेयरवेल ( उपन्यास) सम्मान सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल साहित्य सम्मान ( उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ 2019 ), सूर पुरस्कार (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान 2020) , नागरी बाल साहित्य सम्मान (20 20) बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन से साहित्य सेवी सम्मान ( 2019) तथा साहित्य चूड़ामणि सम्मान (2021) , वुमेन अचीवमेंट अवार्ड ( साहित्य क्षेत्र में दैनिक जागरण पटना द्वारा 2022) मूल निवास / स्थाई पता - किरण सिंह C /O भोला नाथ सिंह ग्राम +पोस्ट - अखार थाना - दुबहर जिला - बलिया उत्तर प्रदेश पिन कोड -277001 वर्तमान /स्थाई पता 301 क्षत्रिय रेसिडेंशी रोड नंबर 6 ए विजय नगर रुकुनपुरा पटना बिहार 800014 सम्पर्क - 9430890704 ईमेल आईडी - kiransinghrina@gmail.com

4 thoughts on “इसे कहते हैं प्रेम

  • अर्जुन सिंह नेगी

    सुन्दर कविता के लिए बधाई

    • किरण सिंह

      हृदय से आभार

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी किरण जी, प्रेम से संबंधित अति सुंदर व सार्थक विचारों के लिए आभार.

    • किरण सिंह

      हृदय से आभार सखि

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