कविता

विष्णु पद छन्द : चांद रातें

जगमग जगमग चमक रही हैं ,
चाँद संग राते ।
कुछ सपने लेकर आयी हैं,
लायी सौगाते ।
बडे सजीले थे वो सपने,
तुमने दिखलाए ।
याद उन्हे अब कर रही हू,
दिल को बहकाए ।

तेरे लिए ये गीत लिखे हैं ,
तुमको ही गाऊ ।
बस तुमको ही भजता मन ,
तुमको ही पाऊ ।
इस दिल की हर धडकन प्रिय,
तेरे वास्ते है ।
राह मेरी हो तुम ही अब तो,
तुमसे रास्ते है ।

अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com