कविता

ये चाँद भी कुर्बान कर आएं हम !!

तेरे अश्कों में बह जाए हम
ये दिल भी क्या चीज है
एक मुस्कराहट पे बहक जाएं हम
अगर तुम कह दो तो,
ये जिन्दगी भी कुर्बान कर जाएं हम ……….

ये रंग ये रूप
ये हुस्न और ये गुरूर
भी क्या चीज है
एक इकरार पे लुट जाएं हम
अगर तुम हाँ कह दो तो,
ये चाँद भी कुर्बान कर आएं हम …….

तेरे अल्फाज़ो में डूब जाएं हम
ये तन्हाई भी क्या चीज है
एक एक लम्हे पे तड़प जाएं हम
अगर तुम पास हो तो,
ये सारी उम्र तेरे इश्क में लुटा जाएं हम ……..
सारी उम्र तेरे इश्क में लुटा जाएं हम ……..

के.एम. भाई

सामाजिक कार्यकर्त्ता सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्यात्मक लेखन कई शीर्ष पत्रिकाओं में रचनाये प्रकाशित ( शुक्रवार, लमही, स्वतंत्र समाचार, दस्तक, न्यायिक आदि }| कानपुर, उत्तर प्रदेश सं. - 8756011826