अन्य बाल साहित्य

पहेलियाँ – 8

(1)
धुआँ नहीं लेकिन धुँधलाए
सबकी नाक तले घुस जाए
लगे इसे संगीत सुहाता
किट-किट सबके दाँत बजाए

उत्तर – कुहासा

(2)
“ना” भी “न” भी तब भी हाँ
दावत की ये शान
मैदा इसकी देह बनाता
मक्खन पूरी जान

उत्तर – नान (नानरोटी)

(3)
कभी हवा में सैर करा दे
कभी पुलिस से ही पकड़ा दे
दिन में तुम इनको मत देखो
बस ये रातों में बहला दे

उत्तर – सपना

(4)
जगते वे ताकि हम सोएँ
कभी नहीं डर-डर के रोएँ
रेत, बर्फपर रोज टहलते
नहीं किन्तु धीरज को खोएँ

उत्तर – सैनिक

(5)
दाढ़ी लंबी-लंबी उसकी
किन्तु न साधु जानो
भून, पीस उसको हम खाते
बात यही सच मानो

उत्तर – भुट्टा

*कुमार गौरव अजीतेन्दु

शिक्षा - स्नातक, कार्यक्षेत्र - स्वतंत्र लेखन, साहित्य लिखने-पढने में रुचि, एक एकल हाइकु संकलन "मुक्त उड़ान", चार संयुक्त कविता संकलन "पावनी, त्रिसुगंधि, काव्यशाला व काव्यसुगंध" तथा एक संयुक्त लघुकथा संकलन "सृजन सागर" प्रकाशित, इसके अलावा नियमित रूप से विभिन्न प्रिंट और अंतरजाल पत्र-पत्रिकाओंपर रचनाओं का प्रकाशन