कविता

पहाड़

पेड़ों की पत्तियां झड़ रही
मद्धम हवा के झोकों से
चिड़िया विस्मित चहक रही
वसंत तो आया नहीं
आमों पर मोर फूल की मद्धम खुशबू
टेसू से हो रहे पहाड़ के गाल सुर्ख
पहाड़ अपनी वेदना किसे बताए
वो बता नहीं पा रहा पेड़ का दर्द
लोग समझेंगे बेवजह राइ का पर्वत
पहाड़ ने पेड़ो की पत्तियों को समझाया
मै हूँ तो तुम हो
तुम ही तो कर रही वसंत का अभिवादन
गिरी नहीं तुम बिछ गई हो
और आने वाली नव कोपलें जो है तुम्हारी वंशज
कर रही वसंत के आने इंतजार
कोयल के मीठी राग अलाप से
लग रहा वादन हो जैसे शहनाई का
गुंजायमान हो रही वादियाँ में
गुम हुआ पहाड़ का दर्द
जो खुद अपने सूनेपन को
टेसू की चादर से ढाक रहा
कुछ समय के लिए
अपना तन

संजय वर्मा “दृष्टि”
125 शहीद भगत सिंह मार्ग
मनावर जिला धार (म प्र )

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच