लघुकथा

सपने

शैलेंद्र निशा के साथ कॉलेज कैंटीन में चाय पीने जा रहा था। तभी निशा की नज़र रोहन पर पड़ी।
“हाय लुकिंग हैंडसम। यह जैकेट तो बहुत सुंदर है।” निशा ने चहकते हुए कहा।
“थैंक्स ऑनलाइन शॉपिंग से खरीदा है।” रोहन ने इतराते हुए कहा।
“कॉलेज में तुम ही एक लड़के हो जिसे फैशन की समझ है।”
“तो इसी बात पर मेरे साथ कॉफी पीने चलोगी।”
“बिल्कुल” निशा फौरन उसके साथ चल दी।
शैलेंद्र ठगा सा खड़ा था। उसी समय उसका फोन बज उठा। उसके पिता का फोन था। उन्होंने उसके खाते में पैसे डलवाए थे।
शैलेंद्र ने तुरंत अपने लिए ऑनलाइन एक जैकेट का आर्डर दे दिया।

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है