भजन/भावगीत

मैय्या-भजनमाला

जय माता दी

भजन-1. तर्ज़-(दे-दे जोगिया मैं तो यही वर चाहूं—–)
शेरांवाली मां हमको तेरा ही सहारा
तेरा ही सहारा हमको तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां—-
1.तू है लाल चुनरिया वाली
खुशियों की लाली देने वाली
लालों-लाल बनादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां—-
2.तू है मैय्या शेरांवाली
शेरों-सी शक्ति देने वाली
तन-मन सबल बनादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां—-
3.तू है मैय्या जोतांवाली
सारा जग चमकाने वाली
मन की जोत जगादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां—-
4.हमको अपना दास बनादे
मन में अपनी लगन लगादे
दरश दिखादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां—-

 

भजन-2. तर्ज़-(तेरे रूप की हो गई बल्ले-बल्ले—–)
मां की लाल चुनरिया बल्ले-बल्ले
मां का रूप निखारे बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया——
1.विष्णुजी को भा गई लाल चुनरिया
लक्ष्मी रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया——
2.शिवजी को भा गई लाल चुनरिया
गौरां रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया——
3.रामजी को भा गई लाल चुनरिया
सीता रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया——
4.श्यामजी को भा गई लाल चुनरिया
राधा रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया——
5.भक्तों को भा गई लाल चुनरिया
सारी संगत कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया——

 

भजन-3. तर्ज़-(उलझी लट सुलझा जा कन्हैया मेरे हाथों में मेंहदी लगी—–)
मेरी भी झोली भरो अम्बे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी
इतनी-सी विनती सुनो अम्बे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
1.तुम तो ममता का सागर हो मैय्या
ममता की तुझको दुहाई हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
2.तुम तो करुणा का आंचल हो मैय्या
आंचल की शोभा बढ़ादो हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
3.तुम तो समता का बादल हो मैय्या
बरसादो प्रेम-बदरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
4.खुशियों के भंडार तेरे ही चेरे
भर दो खुशी से गगरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
5.मेरी तो नैय्या है तेरे हवाले
कर दो सीधी डगरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-

 

भजन-4. तर्ज़-(दुपट्टा मेरा चांदनी कोई धानी रंगा लाए—–)
मैय्याजी के भवन बड़े दिल छोटा मैं घबराऊं
कि मैय्या मेरी दूर बस गई मैं कैसे वहां जाऊं-
1.सोने की झारी में गंगाजल लाई
कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके नहला आऊं-मैय्याजी के——
2.लाल चुनरिया गोटे से सजाई
कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके ओढ़ा आऊं-मैय्याजी के——
3.चांदी की कोली में चंदन सजाया
कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके लगा आऊं-मैय्याजी के——
4.सोने के कंगने में मोती जड़े हैं
कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके पहना आऊं-मैय्याजी के——
5.मैय्या ही बुलाती है दर्शन कराती है
कि मैय्या ही बताएगी मैं कैसे वहां आऊं-मैय्याजी के——

 

भजन-5. तर्ज़-(कुंडा खोलो मेरी मां लंबे हाथ करके—–)
मां ने मेरी आस पुजाई अम्बे मां की जय-जय बोलो अम्बे मां की जय-जय—
1.मैंने मां से विनती की थी कभी तो खुशियां दे दो
मां ने तुरंत ख़ज़ाना खोला बोली अब ही ले लो-मां ने मेरी आस———
2.मैंने मां से विनती की थी कभी घर में आना
मां बोली ले आज चली मैं कल को किसने जाना-मां ने मेरी आस———
3.मैंने मां से विनती की थी तन-मन स्वस्थ बनादे
मां बोली ले एक दवाई मुझसे लगन लगा ले-मां ने मेरी आस———
4.मैंने मां से विनती की थी कुछ उपहार तो दे-दे
सिर पर हाथ रखा मां ने बोली आशीष ले-ले-मां ने मेरी आस———

 

भजन-6. तर्ज़-(मत कर सासू बेटा-बेटा अब ये बलमा मेरा है—–)
लाल चुनरिया ओढ़के मैं भक्तों के घर में आऊंगी
खुशियां मनाएंगे सब मिलके मैं भी शगन मनाऊंगी-
1.मेरे पीले शेर को देख मेरे भक्तों को डर न लगे
इसीलिए पीली हौंडा सिटी कार में बैठके आऊंगी-लाल चुनरिया ओढ़के———
2.भक्त मेरे घर आते हैं कोई भेंट प्रेम से लाते हैं
मैं भी भक्ति-शक्ति-धीरज-सद्गुण भेंट में लाऊंगी-लाल चुनरिया ओढ़के———
3.सब गाएंगे भजन प्रेम से मैं भी संग में गाऊंगी
भक्त नचाएंगे मुझको मैं झूम-झूमकर नाचूंगी-लाल चुनरिया ओढ़के———
4.मैं भक्तों की भक्त हैं मेरे नाता हरदम बना रहे
मैं उनके घर आऊंगी कभी उनको घर में बुलाऊंगी-लाल चुनरिया ओढ़के———

 

भजन-7.
ऐसी दया करो महाराणी तेरा नाम न बिसरे मन से
तेरा नाम न बिसरे मन से,तेरा नाम न बिसरे मन से-ऐसी दया————-
1.हम तो मैय्या द्वार तिहारे आए बनके सवाली
हमने सुना था दयावान है मैय्या भोली-भाली
पूजा की हम रीत न जानें याद करें तुझे मन से-ऐसी दया————-
2.हम तो मैय्या द्वार तिहारे भेंट श्रद्धा की लाए
हमने सुना था दानी मैय्या भाव से खुश हो जाए
हमको भी कुछ शक्ति दे-दे पूजें हम तन-मन से-ऐसी दया————-
3.हम तो मैय्या द्वार तिहारे प्रेम का दीपक लाए
तू चाहे तो भक्ति की बाती जगमग जोत जगाए
मांगें हम जीवन सज जाए भक्ति के शुभ धन से-ऐसी दया————-

 

भजन-8. तर्ज़-(यह विनती है भगवान तू बिगड़ी बना देना—–)
आओ भोग लगाओ अम्बे मां नमन हम करते हैं मन से पूजन कर मां नमन हम करते हैं-
1.भोग में बर्फ़ी-सील-मिठाई
लाए हैं मोदक साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ———–
2.भोग में प्रेम से फल हैं लाए
किशमिश-मेवा साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ———–
3.भोग में लाए सौंफ-इलायची
मीठी मिश्री साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ———–
4.भोग में लाए हैं पान-सुपारी
ध्वजा-नरेला साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ———–
5.भोग को अमृत रूप बनादो
जो खाए हर्षाय नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ———–
6.भोग में बर्फ़ी-सील-मिठाई
लाए हैं मोदक साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ———–

 

आप सबको नवसंवत्सर और नवरात्रि महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244