हाइकु/सेदोका

फ़ौजी-किसान  

1.
कर्म पे डटा
कभी नहीं थकता
फ़ौजी-किसान!
2.
किसान हारे
ख़ुदकुशी करते,
बेबस सारे!
3.
सत्ता बेशर्म
राजनीति करती,
मरे किसान!
4.
बिकता मोल
पसीना अनमोल,
भूखा किसान!
5.
कोई न सुने
किससे कहे हाल
डरे किसान!
6.
भूखा-लाचार
उपजाता अनाज
न्यारा किसान!
7.
माटी का पूत
माटी को सोना बना
माटी में मिला!
8.
क़र्ज़ में डूबा
पेट भरे सबका,
भूखा अकड़ा!
9.
कर्म ही धर्म
किसान कर्मयोगी,
जीए या मरे!
10.
अन्न उगाता
सर्वहारा किसान
बेपरवाह!
11.
निगल गई
राजनीति राक्षसी
किसान मृत!
12.
अन्न का दाता
किसान विष खाता
हो के लाचार!
13.
देव अन्न का
मोहताज अन्न का
कैसा है न्याय?
14.
बग़ैर स्वार्थ
करते परमार्थ
किसान योगी!
15.
उम्मीद टूटी
किसानों की ज़िन्दगी
जग से रूठी!
16.
हठी किसान
हार न माने, भले
साँसें निढाल!
17.
रंगे धरती
किसान रंगरेज,
ख़ुद बेरंग!
18.
माटी में सना
माटी का रखवाला
माटी में मिला!
19.
हाल बेहाल
प्रकृति बलवान
रोता किसान!
— जेन्नी शबनम (20. 6. 2017)